वाशिंगटनः अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में चल रहे हिंसक प्रदर्शन के दौरान भारतीय दूतावास के बाहर स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा को कुछ अराजक तत्वों ने क्षति पहुंचाई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। अमेरिका ने इस मामले में भारत से खेद जताते हुए माफी मांगी है।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका में एक अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस यातना से मौत के बाद कई राज्यों में उग्र प्रदर्शन हो रहे हैं। इस दौरान कई जगह आगजनी, हिंसा और लूटपाट की घटनाएं भी सामने आई हैं। इसी दौरान महात्मा गांधी की प्रतिमा को भी खंडित किया गया। प्रदर्शनकारियों ने वाशिंगटन डीसी में व्हाइट हाउस के नजदीक एक ऐतिहासिक चर्च को भी आग के हवाले कर दिया था।
कैसे हुई जॉर्ज फ्लॉयड की मौत
26 मई को अमेरिका के मिनेपोलिस शहर में जॉर्ज फ्लॉयड नाम के शख्स को पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया था। एक पुलिस अफसर ने सड़क पर अपने घुटने से फ्लॉयड की गर्दन को करीब आठ मिनट तक दबाए रखा।
जॉर्ज लगातार पुलिस अफसर से घुटना हटाने की गुहार लगाते रहे लेकिन पुलिस ऑफिसर ने दया नहीं दिखाई। धीरे-धीरे फ्लॉयड की हरकत बंद हो गई और उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई।
पुलिस हिरासत में मरने वाले जॉर्ज फ़्लॉयड का वीडियो वायरल हो गया। इस वायरल वीडियो में दिख रहा है कि पुलिसकर्मी डेरेक शैविन ने घुटना टेककर उनकी गर्दन दबाए रखी। जॉर्ज उस पुलिसकर्मी से लगातार कहते रहे कि ‘उन्हें सांस नहीं आ रही है। लेकिन डेरेक ने उन्हें नहीं छोड़ा। वीडियो में दिखाई दे रहा था कि जॉर्ज ने गिरफ्तारी के समय किसी तरह का विरोध नहीं किया था।