नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश को एक तोहफा देते हुए लाल किले के प्राचीर से नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन की शुरुआत की। पीएम मोदी ने बताया कि इस योजना के तहत हर भारतवासी का अपना एक यूनिक आइडेंटिटी नंबर होगा। इस नंबर के अंतर्गत आपके स्वास्थ्य से जुड़ी सभी जानकारियां इसमें शामिल रहेंगी। उन्होंने बताया कि इस योजना से हर देशवासी को एक तरह की सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी।
पीएम मोदी ने कहा नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन, भारत के हेल्थ सेक्टर में नई क्रांति लेकर आएगा। हर टेस्ट, हर बीमारी, आपको किस डॉक्टर ने कौन सी दवा दी, कब दी, आपकी रिपोर्ट्स क्या थीं, ये सारी जानकारी इसी एक हेल्थ आईडी में समाहित होगी। इसके अलावा कोविड-19 की वैक्सीन पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि आज भारत में कोराना की एक नहीं, दो नहीं, तीन-तीन वैक्सीन्स इस समय टेस्टिंग के चरण में हैं। जैसे ही वैज्ञानिकों से हरी झंडी मिलेगी, देश की तैयारी उन वैक्सीन्स की बड़े पैमाने पर प्रोडक्शन की भी तैयारी है।
कोरोना जैसे संकट में नेशनल हेल्थ मिशन जैसे कार्यक्रम बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। इस कार्यक्रम के तहत सरकार के पास लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारियां होंगी। महामारी के समय़ में सरकार को अपनी प्राथमिकता तय करने में आसानी होगी।
इस तरह करेगा हेल्थ कार्ड काम
व्यक्ति का मेडिकल डेटा रखने के लिए अस्पताल, क्लिनिक, डॉक्टर एक सेंट्रल सर्वर से लिंक रहेंगे। अस्पताल और नागरिकों के लिए अभी ये उनकी मर्जी पर निर्भर करेगा कि वो इस मिशन से जुड़ना चाहते है या नहीं। हर नागरिक का एक सिंगल यूनिक आइडी जारी होगा। उसी आधार पर लॉगिन होगा। नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन में मुख्य तौर पर चार चीजों पर फोकस किया गया है। Health ID, व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड, देशभर के डिजी डॉक्टरों और स्वास्थ्य सुविधाओं का रजिस्ट्रेशन।
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