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Pakistan's Balakot did not have cloud or rain over the airstrick, this was the biggest threat!

पाकिस्तान के बालाकोट पर एयरस्ट्राइक को लेकर बादल या बारिश नहीं ये था सबसे बड़ा खतरा!

नई दिल्लीः बालाकोट एयरस्ट्राइक पर दिए रडार वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को लेकर विवाद छिड़ गया है। प्रधानमंत्री के बयान को लेकर लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। लेकिन बालाकोट में एयरस्ट्राइक मिशन से जुड़े सूत्रों का कहना है कि बालाकोट एयरस्ट्राइक का प्लान बेहद सीक्रेट था इसलिए उसे ना तो स्थगित किया जा सकता था और ना ही उसमें कोई बदलाव लाया जा सकता था। सूत्रों का कहना है कि भारतीय वायुसेना पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी कैम्पों को निशाना बनाने वाली थी इसलिए प्लान को सीक्रेट रखा गया था। यह प्लान लीक ना हो इसके लिए इसे बदला भी नहीं जा सकता था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बादल और रडार वाले बयान पर सूत्रों का कहना है कि बालाकोट एयरस्ट्राइक के पहले यह बात उठी थी कि बादलों के कारण पायलट्स को टारगेट पॉइंट हिट करने में दिक्कत हो सकती है। क्योंकि हमले के वक्त बालाकोट की हवाई सीमा में घने बादल थे। उस वक्त सेना एक्सपर्ट्स ने हमले का दिन बदलने का भी सुझाव दिया था, लेकिन हमले के प्लान को गुप्त बनाए रखने के लिए इसे बदला नहीं गया।  वहीं, भारतीय लड़ाकू विमानों के पूर्व पायलट्स और वैज्ञानिकों का कहना है कि लड़ाकू विमानों को बादल रडार से तो नहीं बचा सकते थे, लेकिन यह बात जरूर है कि बादलों के कारण पायलट को टारगेट की सही तस्वीर नहीं मिल पाती।  इस बारे में रिटायर्ड एयर मार्शल विनोद भाटिया का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी उन्माद में रडार वाला बयान दिया है। इसे गंभीरता से नहीं लेना चाहिए, क्योंकि वैज्ञानिक नजरिये से देखें तो रडार को बादलों से फर्क नहीं पड़ता है। कोई भी रडार बादलों के बीच विमानों की गतिविधि पता कर लेता है। रिटायर्ड एयर मार्शल विनोद भाटिया ने आगे कहा कि यह बात जरूर सही है कि बादलों के कारण टारगेट पर हमला करने में दिक्कत आ सकती है। क्योंकि पायलट को सही तस्वीर मिलने में दिक्कत आती है। साथ ही हमले के बाद टारगेट के धवस्त होने की तस्वीरें भी नहीं मिल पाती। हालांकि, वायु सेना ने सिंथेटिक अपर्चर रडार का इस्तेमाल किया जिससे नुकसान की तस्वीरें दिखी हैं। वेस्टर्न कमांड के रिटायर्ड एयर मार्शल पीएस अहलुवालिया ने बताया कि बादलों के कारण बालाकोट में हुए नुकसान का सही आंकलन नहीं हो पाया है। यदि साफ़ तस्वीरें होती तो कोई भी हमले पर सवाल नहीं उठा पाता।. हालांकि, यह फैक्ट सही है कि भारतीय वायु सेना के मिराज 2000 विमानों ने टारगेट को हिट किया है और जैश के आतंकी ठिकाने ध्वस्त हो चुके हैं।