इस्लामाबादः सिखों के बाद अब भारत के हिंदु श्रद्धालुओं के लिए बड़ी खुशखबरी है। करतारपुर कॉरिडोर के बाद पीओके स्थित शारदा मंदिर गलियारे को भी हिंदू तीर्थयात्रियों विशेषकर पड़ोसी देश के श्रद्धालुओं के लिए खोलने की पाकिस्तान सरकार ने अनुमति दे दी है। बता दें, यह मंदिर हिंदु समाज की आस्था का एक प्रमुख केंद्र है क्योंकि देवी शक्ति के 18 महाशक्तिपीठों में से एक शारदा पीठ पीओके में मौजूद है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत का विदेश मंत्रालय पहले ही इस गलियारे को खोलने के लिए प्रस्ताव भेज चुका है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने कहा, करतारपुर के बाद हिंदुओं के लिए यह बड़ी खबर है। कुछ सरकारी अधिकारी इलाके का दौरा कर प्रधानमंत्री को रिपोर्ट सौंपेंगे। जानकारी के लिए बता दें देश के अलग-अलग हिस्सों में रह रहे कश्मीरी पंडित लंबे समय से शारदा पीठ कॉरिडोर की मांग कर रहे हैं।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के राष्ट्रीय असेम्बली के सदस्य डॉ रमेश कुमार ने कहा, पाकिस्तान ने शारदा मंदिर खोलने का फैसला किया है। मैं दो दिन में मंदिर की यात्रा पर जा रहा हूं। मैं प्रधानमंत्री को इस संबंध में रिपोर्ट भेजूंगा। इस परियोजना पर चालू वर्ष में काम शुरू होगा और इसके बाद पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू भी यहां की यात्रा पर जा सकेंगे।
पांच हजार वर्ष पुराना है शारदा मंदिर
शारदा मंदिर हिंदुओं का एक प्रसिद्ध मंदिर है। ये मंदिर सरस्वती देवी का है। यह मंदिर करीब पांच हजार वर्ष पुराना है और महाराजा अशोक के कार्यकाल में इसका निर्माण हुआ था। मंदिर के निकट एक तालाब है जिसे मादोमती के नाम से पुकारा जाता है और इसका जल हिंदू समुदाय के लिए कटासराज मंदिर के जल की तरह बहुत महत्व रखता है। भारत के कुपवाड़ा से तकरीबन 30 किमी दूर यह मंदिर स्थित है। सनातन धर्मशास्त्र के अनुसार भगवान शंकर ने सती के शव के साथ जो तांडव किया था उसमें सती का दाहिना हाथ इसी पर्वतराज हिमालय की तराई कश्मीर में गिरा था।