नई दिल्लीः शादियों में कुंडलियों का मिलान-लड़के लड़की का मेल जोल जरुरी होता है लेकिन सरकार एक नई योजना लाने की तैयारी कर रही है जिसमें अब खून का जांच करना भी जरुरी हो जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अब शादी से पहले खून की जांच करना भी जरुरी हो जाएगा। सरकार जल्द ये कानून ला सकती है।
इस फैसले को लेने के पीछे वजह है तैलोसीमिया। सरकार ने थैलेसीमिया और सिकल सेल जैसी खून की बीमारियों को रोकने के लिए ड्राफ्ट नोट तैयार कर लिया है। पॉलिसी लागू होने के बाद सरकार हर व्यक्ति की थैलेसीमिया संबंधी जांच कराएगी।
दरअसल, इस बीमारी से पीड़ित माता-पिता के बच्चे भी इसकी चपेट में आ जाते हैं। इसलिए सरकार शादी से पहले जोड़ों की थैलेसीमिया जांच, स्कूलों में सभी बच्चों की जांच, गर्भवती महिलाओं और थैलेसीमिया से प्रभावित बच्चे के रिश्तेदारों की जांच कराने पर नई पॉलिसी लाने जा रही है।
आखिरी क्या होता है थैलेसीमिया ?
यह आनुवांशिक रोग जितना घातक है, इसके बारे में जागरूकता का उतना ही अभाव है। सामान्य रूप से शरीर में लाल रक्त कणों की उम्र करीब 120 दिनों की होती है, परंतु थैलेसीमिया के कारण इनकी उम्र सिमटकर मात्र 20 दिनों की हो जाती है। इसका सीधा प्रभाव शरीर में स्थित हीमोग्लोबीन पर पड़ता है। हीमोग्लोबीन की मात्रा कम हो जाने से शरीर दुर्बल हो जाता है तथा अशक्त होकर हमेशा किसी न किसी बीमारी से ग्रसित रहने लगता है।