नई दिल्ली: क्यूरेटिव पिटीशन खारिज होने के बाद निर्भया गैगरेप के चार दोषियों में से एक मुकेश ने दया याचिका दाखिल की थी। नियमानुसार दया याचिका गृहमंत्रालय को भेजी गई थी, जिसके बाद गुरुवार की रात मुकेश की दया याचिका को राष्ट्रपति भवन भेज दिया गया। अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने याचिका पर निर्णय लेते हुए उसे खारिज कर दिया है जिससे दोषी मुकेश के पास कानून बचाव के सभी रास्ते बंद हो चुके हैं। राष्ट्रपति भवन की ओर से गृहमंत्रालय को इसकी जानकारी दे दी गई है। अब दोषियों काननून फांसी के लिए दया याचिका खारिज होने के बाद 14 दिन का समय दिया जा सकता है।
इससे पहले दोषी विनय कुमार की तरफ से भी राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजी गई थी लेकिन उसने खुद ही अपनी याचिका वापस ले ली थी। अब इस मामले में आज पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई की जानी है। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा है कि क्या तिहाड़ जेल प्रशासन की ओर से फांसी की तारीख में कोई बदलाव किया गया है या नहीं। निर्भया की मां ने भी दोषियों को फांसी में देरी पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा 2012 में जब यह घटना हुई तो जो लोग हाथ में तिरंगा लेकर सड़क पर इंसाफ के लिए उतरे थे आज वहीं फांसी में देरी कर रहे हैं।
रिज हो चुकी है क्यूरेटिव पिटिशन
मंगलवार को ही उसकी क्यूरेटिव पिटिशन (सुधारात्मक याचिका) को सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुका है। इसके बाद से यह चर्चा थी कि उनका आखिरी विकल्प अब बस राष्ट्रपति के पास दया याचिका बची है, जिसे उन्होंने शाम होत जेल प्रशासन के पास भेज दिया गया। अगर यह दया याचिका खारिज होती है तो उन्हें 22 जनवरी को सुबह सात बजे फांसी मिलना तय है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एक और याचिका खारिज की थी जिसमें दोनों दोषियों (विनय कुमार शर्मा -मुकेश सिंह) के फांसी देने की सजा पर रोक लगाने की मांग की गई थी।