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एक अप्रैल से देश में आएगा तीसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक, जानें आप पर क्या होगा असर

नई दिल्लीः एक अप्रैल से बैंक ऑफ बड़ौदा में देना बैंक और विजया बैंक का विलय होने जा रहा है। ऐसा होने के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा, भारतीय स्टेट बैंक और आईसीआईसीआई बैंक के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक बन जाएगा। इस विलय के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा के पास कुल 9401 बैंक शाखाएं और कुल 13432 एटीएम हो जाएंगे।

तीनों बैंकों में सरकार की 70 फीसदी हिस्सेदारी है। विलय को मंजूरी मिलने में कोई दिक्कत नहीं होगी। जानकारी के लिए बता दें एसबीआई में फिलहाल सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक का विलय हो चुका है।

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विलय के कर्मचारियों को नहीं होगी परेशानी
विलय का सबसे ज्यादा असर कर्मचारियों पर पड़ता है। विलय के बाद कर्मचारियों का ट्रांसफर होता है। ऐसे में उनकी दिक्कत बढ़ती है। हालांकि सरकार ने बैंक ऑफ बड़ौदा के केस में कहा है कि किसी भी कर्मचारी को निकाला नहीं जाएगा।

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पिछले साल सितंबर में हो चुकी है विलय की घोषणा
सरकार ने पिछले साल सितंबर में बीओबी के साथ विजया बैंक और देना बैंक के विलय की घोषणा की थी। इसका उद्देश्य भारतीय स्टेट बैंक और आईसीआईसीआई बैंक के बाद तीसरा सबसे बड़ा बैंक बनाना है। वित्त मंत्री अरुण जेटली कई बार कह चुके हैं कि देश को बड़े बैंकों की जरूरत है। बड़े बैंक ज्यादा बेहतर तरीके से काम करते हैं। इससे पहले एसबीआई में सभी सहयोगी बैंकों का विलय किया गया था।

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ग्राहकों पर ये होगा असर
बैंकों के विलय का असर इन बैंकों के ग्राहकों पर भी होगा। ग्राहकों को नया अकाउंट नंबर और कस्टमर आईडी मिल सकता है। जिन ग्राहकों को नए अकाउंट नंबर या IFSC कोड मिलेंगे, उन्हें नए डीटेल्स इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, इंश्योरंस कंपनियों, म्यूचुअल फंड, नैशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) आदि में अपडेट करवाने होंगे। SIP या लोन EMI के लिए ग्राहकों को नया इंस्ट्रक्शन फॉर्म भरना पड़ सकता है। नई चेकबुक, डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड इशू हो सकता है।

फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) या रेकरिंग डिपॉजिट (आरडी) पर मिलने वाले ब्याज में कोई बदलाव नहीं होगा। जिन ब्याज दरों पर वीइकल लोन, होम लोन, पर्सनल लोन आदि लिए गए हैं, उनमें कोई बदलाव नहीं होगा। कुछ शाखाएं बंद हो सकती हैं, इसलिए ग्राहकों को नई शाखाओं में जाना पड़ सकता है।