नई दिल्लीः मोदी सरकार को आज उस समय सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली जब कोर्ट ने राफेल डील पर सरकार को क्लीन चिट देने वाले अपने फैसले पर पुनर्विचार की मांग की गई अर्जी को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा राफेल डील में जांच और एफआईआर की जरूरत नहीं है। अब राफेल डील की जांच नहीं होगी। तीन जजों की बैंच ने सर्वसम्मति से फैसला लिया। राफेल डील में गड़बड़ी को खारिज किया गया।
न्यायालय ने कहा, ‘हमें नहीं लगता कि राफेल विमान सौदा मामले में प्राथमिकी दर्ज करने या बेवजह जांच का आदेश देने की जरूरत है।’ फ्रांस से 36 राफेल फाइटर जेट के भारत के सौदे को चुनौती देने वाली जिन याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की, उनमें पूर्व मंत्री अरुण शौरी, यशवंत सिन्हा, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण और आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह की याचिकाएं शामिल थीं। सभी याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट से उसके पिछले साल के फैसले की समीक्षा करने की अपील की थी।
अदालत ने 14 दिसंबर 2018 को राफेल खरीद प्रक्रिया और सरकार द्वारा इंडियन ऑफसेट पार्टनर के चुनाव में भारतीय कंपनी को फेवर किए जाने के आरोपों की जांच करने का अनुरोध करने वाले सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था। अदालत ने कहा था कि फैसला लेने की प्रक्रिया में कहीं भी शक करने की गुंजाइश नहीं है।