MJ Akbar filed case of defamation on Priya Ramani
नई दिल्ली-मी-टू कैंपेन के तहत यौन उत्पीडऩ के आरोपों का सामना कर रहे केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने अपनी सफाई देने के बाद कानूनी रास्ता अपनाया है। उन्होंने आरोप लगानेवाली एक पत्रकार प्रिया रमानी पर मानहानि का केस किया है। अकबर ने सोमवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में अपने वकीलों के माध्यम से यह केस किया। एमजे अकबर पर करीब एक दर्जन महिला पत्रकारों ने यौन उत्पीडऩ के आरोप लगाए हैं। इसके बाद विपक्षी दल जोर-शोर से उनके इस्तीफे की मांग कर रहे थे। फिर रविवार को अकबर ने खुद सामने आकर सफाई दी थी। इस्तीफे की मांग को नजरअंदाज करते हुए विदेश राज्यमंत्री एम.जे. अकबर ने कहा था कि उनके खिलाफ आरोप झूठे और निराधार हैं। उन्होंने आरोप लगाने वाली महिलाओं के खिलाफ कार्रवाई करने की बात भी कही थी। अकबर ने सफाई देते हुए कहा था, ‘कुछ हिस्सों को सबूत के बिना आरोप लगाने का संक्रामक बुखार हो गया है। मामला जो भी हो, अब मैं द्घवदेश दौरे से लौट आया हूं और आगे की कार्रवाई के लिए मेरे वकील इन बेसिरपैर के बेबुनियाद आरोपों का पता लगाएंगे और आगे की कानूनी कार्रवाई पर फैसला लेंगे।
‘मिंट लाउंज’ की पूर्व संपादक प्रिया रमानी ने सबसे पहले अकबर पर इल्जाम लगाया था। फिर अकबर ने अपने बयान में रमानी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा था, ‘प्रिया रमानी ने अपना अभियान एक साल पहले एक पत्रिका के आलेख के साथ शुरू किया था। हालांकि उन्होंने मेरा नाम नहीं लिया था, क्योंकि वह जानती थीं कि वह झूठी कहानी है। जब हाल ही में उनसे पूछा गया कि उन्होंने मेरा नाम क्यों नहीं लिया तो उन्होंने एक ट्वीट में जवाब दिया, ‘उनका नाम कभी नहीं लिया, क्योंकि उन्होंने कुछ नहीं किया’ अगर मैंने कुछ नहीं किया तो फिर कहां और कौन सी कहानी है?
बता दें कि 67 वर्षीय अकबर अंग्रेजी अखबार ‘एशियन एज’ के पूर्व संपादक हैं। रमानी के बाद धीरे-धीरे और 11 महिला पत्रकार भी अपनी शिकायतों के साथ खुलकर सामने आ गई थीं। इन महिला पत्रकारों ने उनके साथ काम किया था। अकबर के खिलाफ खुलकर सामने आनेवाली पत्रकारों में फोर्स पत्रिका की कार्यकारी संपादक गजाला वहाब, अमेरिकी पत्रकार मजली डे पय कैंप और इंग्लैंड की पत्रकार रूथ डेविड शामिल हैं।