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जालंधर ( अमन बग्गा ) जालंधर के नकोदर चौक के नजदीक उधम सिंह नगर में पड़ते ओहरी अस्पताल और रत्न अस्पताल की तरफ से बड़ा लापरवाही का मामला सामने आया है।
हैरानी की बात यह है कि इन दोनों अस्पताल पर आरोप लगे है कि ओहरी अस्पताल ने मरीज के लिए ओ पॉजिटिव ब्लड देने की बजाय A+ ब्लड दे दिया। और वही रत्न अस्पताल की तरफ से भी बिना पढ़ें बिना देखें ही मरीज को A+ ब्लड ही चढ़ा दिया गया।
राजविंदर कौर ने आरोप लगाते हुए बताया कि मेरे पति तरलोक नाथ को खून व सैल की कमी थी। इस वजह से उन का रतन हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था ।
रत्न अस्पताल की तरफ से उन्हें O+ ब्लड अरेंज करने के लिए कहा गया। और उस के बाद ओहरी अस्पताल के ब्लड बैंक से ब्लड लाकर रत्न अस्पताल को सौंपा गया ।
लेकिन खून चढ़ाते समय जब मेरे पति की हालत बेहद बिगड़ गई तो रत्न अस्पताल के स्टाफ ने ब्लड की थैली देखी तो पता चला कि यह तो A+ खून है तो हमारे पैरों तले जमीन खिसक गई।
राजविंदर कौर ने कहा कि पहले तो ओहरी अस्पताल की बड़ी गलती है उन्होंने A+ खून दे दिया ऊपर से रत्न अस्पताल की बड़ी लापरवाही है कि उन्होंने बिना पढ़े बिना देखें ही मेरे पति को A+ खून ही चढ़ा दिया ।
वही राजिंदर कौर ने पुलिस शिकायत में लिखा है कि A+ खून चढ़ने के कारण मेरे पति को ब्लड रिएक्शन हो गया है। उन की जान जाते जाते बची है
वही पीड़ित परिवार के हक़ में BJP ने नेता रोबिन सांपला भी मौके पर पहुंच गए। वही पुलिस ने भी मौके पर पहुंच कर जांच शुरू कर दी है।
एक दूजे के सिर पर फोड़ रहे लापरवाही का ठीकरा
इस बारे ओहरी ब्लड बैंक की तरफ से बताया गया कि हमारी तरफ से कोई गलती नही हुई है। हम से जो ब्लड की मांग की गई हमने वही ग्रुप का ब्लड भेजा है। हम रत्न अस्पताल द्वारा भेजी गई स्लिप वेरीफाई कर रहे है। गलती किस से हुई है इस की पूरी जांच की जा रही है।
वही रत्न अस्पताल की तरफ से सारा लापरवाही का ठीकरा ओहरी अस्पताल के सिर ही फोड़ा जा रहा है। रत्न अस्पताल के स्टाफ सदस्य संदीप ने बताया कि ओहरी अस्पताल की तरफ से हमें O+ की बजाय A+ ग्रुप दिया गया है।
वही पुलिस जांच में पता चलेगा कि दोनों अस्पताल में एक ही अस्पताल की गलती है या दोनों की लापरवाही है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि इस लापरवाही में अगर मरीज की जान चली जाती तो कौन जिम्मेदार होता ?
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