अमृतसर. लोन की किश्त लेन गए एक रिकवरी एजेंट की हत्या कर दी गई और शव को ठिकाने लगा दिया। मामला खुलने के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर रिकवरी एजेंट के कंकाल को तरनतारन जिले के सराय अमानत खां थानांतर्गत भूसे गांव से उसका कंकाल बरामद किया गया है।
वीरवार को मिले कंकाल की पहचान डेमलोर कार फाइनेंशियल सर्विस इंडिया (रिकवरी एजेंसी) के मुलाजिम मोहित महाजन के रूप में हुई है। शाम को पुलिस लाइन में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डीसीपी (इनवेस्टिगेशन) मुखविंदर सिंह, एडीसीपी जगजीत सिंह वालिया ने बताया कि 20 अप्रैल की सुबह न्यू अमृतसर निवासी मोहित महाजन का तरनतारन के भूसे गांव निवासी संदीप सिंह ने अपहरण कर लिया था।
घटना वाले दिन जब मोहित घर नहीं पहुंचा तो परिवार ने पुलिस को शिकायत दर्ज कराई। मोहित रिकवरी एजेंसी में बतौर एजेंट काम करता था। कंपनी ने मोहित महाजन को टारगेट दिया था कि भूसे गांव निवासी संदीप सिंह ने कुछ समय पहले बैंक से कर्ज लेकर ट्रक खरीदा है, लेकिन कुछ किश्तों का भुगतान करने के बाद संदीप ने किश्तें चुकानी बंद कर दी। इस पर रिकवरी एजेंसी ने संदीप सिंह को नोटिस जारी कर रखा था। मोहित लगातार आरोपित संदीप के संपर्क में था कि वह किसी तरह ट्रक की बकाया राशि का भुगतान कर दे।
घटना वाले दिन मोहित अपनी पत्नी वंदना और बच्ची मान्या को खानपुर जाने वाली बस में चढ़ाकर पैसों की वसूली के लिए संदीप को फोन करने लगा। संदीप ने उसे बताया कि वह किसी काम से उसके घर (न्यू पवन नगर) के पास जहाजगढ़ इलाके में आया है। इसके बाद दोनों ने जहाजगढ़ में मुलाकात की और संदीप सिंह अपनी बाइक पर मोहित को लेकर भूसे गांव चला गया। जांच के दौरान पुलिस के संदेह की सूई संदीप सिंह पर ही घूम रही थी। हिरासत में लेकर जब संदीप को इंटेरोगेट किया गया तो उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। आरोपित ने पुलिस को बताया कि उसने पैसे नहीं देने की खातिर मोहित की गला दबाकर हत्या कर दी और शव वहीं सुनसान इलाके में ठिकाने लगा दिया।
मृतक की पत्नी वंदना और भाई पंकज महाजन ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह और डीजीपी दिनकर गुप्ता से मांग की है कि मोहकमपुरा थाना प्रभारी गुरचरण सिंह और एएसआई जेएस रंधावा को सस्पेंड किया जाए। परिवार को अपहरण की एफआईआर दर्ज करवाने के लिए बटाला रोड पर 21 अप्रैल को धरना लगाना पड़ा था। जहाजगढ़ के पास एक दुकान से सीसीटीवी फुटेज तक परिवार के सदस्यों ने अपने स्तर पर निकलवाई और पुलिस को बताया था कि मोहित की जान को खतरा है, लेकिन पुलिस ने सारे मामले को हलके में लिया। फिलहाल पुलिस कमिश्नर सुधांशु शेखर श्रीवास्तव ने कहा कि सभी आरोपों की जांच की जाएगी। अगर किसी तरह की लापरवाही दिखी तो कार्रवाई जरूर की जाएगी।