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Kejriwal's minister thief of 100 crore!

केजरीवाल के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत निकले 100 करोड़ के चोर! विदेश में भी है जायदाद

नई दिल्ली – केजरीवाल की दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता कैलाश गहलोत आयकर विभाग को छापे के दौरान करीब 100 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी के मामले में फस गये है। सूत्रों के अनुसार छापे के दौरान गहलोत और उनके सहयोगियों की विदेश में भी प्रोपर्टी का पता चला है।
सूत्रों के अनुसार, विभाग को उनके ब्लैंक साइन शेयर फॉर्म मिले हैं। साथ ही अनेक बेनामी प्रोपर्टियों का भी पता चला है। ये प्रापर्टियां कंपनी के वर्करों के नाम भी हो सकती हैं। विभाग को अंदेशा है कि उनकी तरफ से बड़े पैमाने पर प्रोपर्टी में पैसा लगाया गया है, क्योंकि लगभग 175 से ज्यादा प्रोपर्टी विल के दस्तावेज विभाग को प्राप्त हुए हैं।
इसके अलावा इनकम टैक्स ने उनके यहां से सवा दो करोड़ रुपये से ज्यादा रकम के जेवरात बरामद किए हैं। सूत्र यह भी बता रहे हैं कि गहलोत ने शैल कंपनियों के जरिए भी पैसा और प्रापर्टी खरीदी हैं, क्योंकि उसे एक ड्राइवर के नाम भी प्रोपर्टी मिली है। लिहाजा, अब सूत्र बता रहे हैं कि आयकर विभाग की इस जांच के बाद ईडी और सीबीआई भी उनके खिलाफ मामला दर्ज कर सकती है।
दरअसल, विभाग के अधिकारियों ने बुधवार को बताया था कि दिल्ली के परिवहन मंत्री गहलोत से जुड़े कई परिसरों पर कथित कर चोरी मामले की जांच के सिलसिले में उन्होंने छापेमारी की. अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी और गुडग़ांव में स्थित कम से कम 16 परिसरों पर करीब 60 आयकर अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों की टीम छापेमारी की कार्रवाई की।
छापेमारी करने वाले दलों ने वसंत कुंज और डिफेंस कॉलोनी जैसे इलाकों में स्थित परिसरों में कार्रवाई की. इनके अलावा पश्चिम विहार, नजफगढ़, लक्ष्मी नगर तथा गुडग़ांव के पालम विहार इलाकों में भी दफ्तरों और आवासों पर छापेमारी की गई।
यह कार्रवाई ब्रिस्क इंफ्रास्ट्रक्चर ऐंड डेवलपर्स प्रा.लि. और कॉर्पोरेट इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेस नाम की दो फर्मों के खिलाफ कर चोरी मामले की जांच के सिलसिले में की गई. इन फर्मों के मालिक गहलोत के परिजन हैं, वे ही इनका संचालन भी करते हैं।
अधिकारियों ने बताया कि कई लेनदेन के चलते और लाभ को कथित तौर पर कम करके बताने के कारण विभाग ने दोनों प्रतिष्ठानों के प्रमोटरों के खिलाफ कर चोरी की जांच शुरू की. पहली कंपनी रीयल एस्टेट क्षेत्र की है जबकि दूसरी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) है।

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