नई दिल्लीः आर्थिक संकट से जूझ रही प्राइवेट सेक्टर की एयरलाइन जेट एयरवेज की उड़ान सेवाएं अस्थायी तौर पर बंद हो चुकी हैं। एसबीआई की अगुवाई में बैंकों के कंट्रोल में आ चुकी जेट एयरवेज अब नीलामी प्रक्रिया से गुजरेगी। लेकिन इससे पहले जीवनदान देने के लिए विदेशी धरती से जेट एयरवेज को ऑफर मिला है।
ब्रिटेन के युवा कारोबारी जेसन अंसवर्थ ने जेट एयरवेज को नियंत्रण में लेने की इच्छा जाहिर की है। दुनिया की अलग-अलग एयरलाइन में काम कर चुके जेसन ने साल 2015 में एटमॉस्फेयर इंटरकॉन्टिनेंटल एयरलाइंस नामक स्टार्टअप की स्थापना की थी। इसके तहत वह लंदन स्टैनस्टेड एयरपोर्ट से सेवाएं शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं। जेसन अंसवर्थ की यह पेशकश कर्ज में डूबी जेट एयरवेज के कर्मचारियों और शेयर होल्डर्स के लिए अच्छी खबर है. बता दें कि बैंकों के इमरजेंसी फंड देने से इनकार के बाद जेट एयरवेज ने 17 अप्रैल को अपनी विमानन सेवाएं अस्थायी तौर पर बंद कर दी थी।
जेसन अंसवर्थ ने अपने कैरियर की शुरुआत वॉलमार्ट शॉपिंग सेंटर के स्टाफ के तौर पर की थी। वॉलमार्ट में उन्होंने अगस्त 2006 से नवंबर 2007 तक नौकरी की। इसके बाद जेसन ने एविएशन सेक्टर में एंट्री की। यहां उन्होंने Ryanair समेत कई एयरलाइंस के लिए बतौर केबिन क्रू काम किया। लेकिन, एक एयरलाइन चलाने के मामले में वह अनुभवहीन हैं। हालांकि जेसन की कंपनी बैंकॉक, दुबई और भारत के लिए उड़ानें शुरू करने की योजना बना रही है।
ऐसा नहीं है कि जेसन अंसवर्थ ने पहली बार जेट एयरवेज में दिलचस्पी दिखाई है। इससे पहले भी उन्होंने जेट एयरवेज में निवेश करने की इच्छा जाहिर की थी लेकिन बैंकों ने इस बारे में उन्हें कोई जवाब नहीं दिया था। हालांकि अब जेसन अंसवर्थ दावा कर रहे हैं कि वह इस मामले को लेकर जेट एयरवेज के एक वरिष्ठ अधिकारी के संपर्क में हैं। जेसन के मुताबिक उन्होंने ब्रिटिश प्रधानमंत्री से भी जेट में अपनी रुचि को लेकर समर्थन और सहायता की मांग की है। जिक्रयोग्य है कि जेट एयरवेज के करीब 20 हजार से ज्यादा कर्मचारियों के नौकरी पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं. अब जेट एयरवेज नीलामी प्रक्रिया से गुजरने वाली है। जेट एयरवेज की बोली लगाने के लिए मुख्य तौर पर 4 फर्म दावेदार हैं। ये चार बोलीदाता- एतिहाद एयरवेज, राष्ट्रीय निवेश कोष एनआईआईएफ, निजी क्षेत्र के टीपीजी कैपिटल और इंडिगो पार्टनर हैं।