नई दिल्लीः दिन प्रतिदिन जेट एयरवेज की हालत खराब होती जा रही है। विमानन नियामक, नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने बताया कि जेट एयरवेज के पास उड़ान के लिए केवल 41 विमान ही है और इसके इस बेड़े के आकार में और अधिक कमी हो सकती है। इस बीच पायलटों ने भी सैलरी का भुगतान न होने के कारण 1 अप्रैल से सभी उड़ानों को बंद करने की धमकी दे दी है। उनका कहना है कि अगर 31 मार्च तक समाधान प्रक्रिया पूरी नहीं हुई और वेतन भुगतान में देरी हुई तो एक अप्रैल से वह विमान उड़ाना बंद कर देंगे।
डीजीसीए के एक बयान के मुताबिक, बेड़े में यात्रा संचालन के लिए विमानों की मौजूदा उपलब्धता 41 है और इसी वजह से 603 घरेलू उड़ानों और 382 अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों को रद्द कर दिया गया है। हालांकि यह एक स्थिर स्थिति नहीं है और आने वाले दिनों में स्थिति और विकट हो सकती है। बयान के अनुसार, डीजीसीए ने विमानन कंपनी को नागर विमानन नियमों (सीएआर) के प्रावधानों का पालन करने के लिए कहा है, जिसके अंतर्गत यात्रियों को समय पर सूचित करना, मुआवजा देना, रिफंड और जरूरत पड़ने पर वैकल्पिक उड़ान मुहैया कराना है।
इससे पहले केंद्रीय नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने वरिष्ठ अधिकारियों को जेट एयरवेज द्वारा अपने विमानों को खड़ा करने (ग्राउंडिंग) के मुद्दे पर आपात बैठक बुलाने के लिए कहा था। बता दें कि वित्तीय संकट से जूझ रही जेट एयरवेज ने अपने लीज देने वालों का बकाया नहीं चुकाया है, जिस वजह से विमानन कंपनी लगातार अपने विमानों का परिचालन बंद कर रही है। कंपनी ने अब तक अपने 40 से अधिक विमान खड़े कर दिए हैं।