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Income जीरो – खर्चें लाखों में. बंद होने की कगार पर कई इमीग्रेशन कंपनियां. कारोबार ठप होने से टूटी कमर. ACOS ने सरकार को पत्र लिख रखी यह मांग

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अमन बग्गा – चीफ एडिटर – PLN NEWS

जालंधर (अमन बग्गा) कोरोना की चपेट में आ चुकी पूरी दुनिया के सामने इस खतरनाक वायरस से निपटने की चुनौती है, लेकिन कोरोना ने सिर्फ सेहत पर ही नहीं अर्थव्यवस्था पर भी गहरे जख्म दे दिये हैं. तमाम सेक्टर में कारोबार करीब करीब ठप है. छोटे-बड़े सभी व्यापारी कोरोना की मार से अपना कारोबार बचाने की जुगत में लगे हैं. इमीग्रेशन इंडस्ट्री की तो कमर ही टूट गई है. कोरोना की वजह से इस इंडस्ट्री पर ब्रेक लग गया है

पंजाब में लॉकडाउन के चलते हज़ारों इमीग्रेशन कंपनियां के कारोबार पर बहुत बुरा असर पड़ा है। ऐसे में उन्हें भारी मंदी की मार झेलनी पड़ रही है। हालात ऐसे है कि कई इमीग्रेशन कंपनियां के दफ्तरों पर हमेशा के लिए ताला लगने का खतरा भी मंडरा रहा है। 

◆आय एक रुपये की नही है औऱ खर्चे लाखों में◆

एक एक इमीग्रेशन कंपनी के एक एक दफ्तर में कार्य करने वाले सभी स्टाफ की कुल सैलरी लाखों में है उपर से एक दफ्तर का किराया 25 हज़ार से लेकर 75000 महीना तक तो आम बात है। और बहुत सी ऐसी भी इमीग्रेशन कंपनियां है जिन के तकरीबन 5 से 10 शहरों में ऑफिस है और हर दफ्तर में 10/20 लोगों को स्टाफ है। और एक दफ्तर में कार्य करने वाले स्टाफ की सैलरी की बात करें तो कम से कम लगभग डेढ़ से 3 लाख है।

लॉकडाउन के चलते हज़ारों इमीग्रेशन कंपनियां अपने स्टाफ को कारोबार बंद होने के बावजूद सैलेरी देकर अपना फर्ज तो निभा रही है। लेेकिन कई इमीग्रेशन कंपनियां कर्जे के बोझ तले दब गई है।

 Acos ने पंजाब सरकार के प्रिंसिपल सेक्रेटरी (Home) को लिखा पत्र 

एसोसिएशन ऑफ कंसलटेंट फ़ॉर ओवरसीज स्टडीज (Acos) के अध्यक्ष सरदार जसपाल सिंह औऱ महासचिव दविंदर कुमार के नेतृत्व में ACOS की तरफ से पंजाब सरकार के प्रिंसिपल सेक्रेटरी (Home) को पत्र लिख इमीग्रेशन कंपनियों की समस्या पर ध्यान देने का आग्रह किया है। 

इस बारे में जसपाल सिंह व दविंदर कुमार और Acos के सीनियर मेम्बर सुखचैन राही ने बताया कि Acos यहां एक और इमीग्रेशन कंपनियां GST आदि सभी तरह के टेक्स हमेशा ही समयानुसार अदा करती रही है वही दूसरी और पंजाब में हज़ारों इमीग्रेशन कंपनियां जो कि लॉकडाउन की मुश्किल घड़ी में कारोबार ठप्प होने के बावजूद अपने सभी एम्प्लाईज को सैलरी देकर अपना फर्ज निभा रही है।

ACOS ने सरकार से की यह मांग

उन्होंने कहा कि कोरोना के प्रकोप की वजह से पंजाब में लॉकडाउन के चलते हज़ारों इमीग्रेशन कंपनियां के कारोबार पर बहुत बुरा असर पड़ा है। ऐसे में उन्हें भारी मंदी की मार झेलनी पड़ रही है। 

 ऐसे में हम सरकार से मांग कर रहे है कि इमीग्रेशन कम्पनियों को रिलेक्सेशन देते हुए किराए में छूट दी दिया जाए।

उन्होंने कहा कि मौजूदा हालातों को देखते हुए इस मंदी के दौर में हम अपना व अपने स्टाफ के परिवार के खर्चो को उठा रहे है।

ऊपर से आय के सारे स्रोत बंद होने की वजह से कई इमीग्रेशन कंपनियां कर्जा लेकर खर्चों का भार झेल रही है। ऐसे में इस समय दफ्तरों का किराया देना बेहद मुश्किल है।

हम पंजाब सरकार से मांग करते है कि इमीग्रेशन कम्पनियों को किराए में छूट देकर बड़ी राहत दी जाए।  ताकि मौजूदा स्थिति में किराया न दे पाने की वजह से कोई भी इमीग्रेशन कंपनी बंद न हो पाए।