नई दिल्ली: मुंबई स्थित स्टार्टअप रेलोफाये ने भारत की पहली ‘वेस्टलिस्ट और आरएसी प्रोटेक्शन’ सेवा शुरू की है, जो भारत में बकाया वेटलिस्ट समस्या से निपट रही है। यात्रियों को लंबा सफर तय करने के लिए फ्लाइट या ट्रेन ही दो विकल्प रहते हैं। लेकिन अक्सर फ्लाइट का टिकट थोड़ा महंगा होने के चलते यात्री ट्रेन से ही सफर करना पसंद करते हैं। इसके बाद आपको चार्ट तैयार होने की प्रतीक्षा करनी पड़ती है और यदि टिकट कन्फर्म नहीं होती है तो यात्रा रद्द करनी पड़ती है।
एक यात्री दीपिका अग्रवाल ने बताया, मुंबई से दिल्ली तक सफर करना था और हमारे 6 लोगों के टिकट वेटलिस्ट के थे। हमारे टिकट आखिरी वक्त में भी कन्फर्मेशन नहीं हुए। इसके बाद हमने इस एप के माध्यम से अपना सफर पूरा किया। दरअसल, यात्री को रेलोफाई की वेबसाइट या एप पर जाकर, अपने टिकट का पीएनआर नंबर डालना होगा। वहीं यात्री को एक शुल्क जमा करना होगा, जो हर यात्रा के हिसाब से तय किया गया है।
इसके बाद रेलोफाये यात्री के वेटलिस्ट टिकट को ट्रैक करता रहता है। यदि यात्री का टिकट कन्फर्म नहीं होता, तो रेलोफाये यात्री को फ्लाइट का टिकट देकर उसकी यात्रा पूरी करवाता है। वहीं यात्री को ट्रेन के ही दाम पर विमान से यात्रा करने का मौका मिलता है। दीपिका ने आगे कहा, जैसा कि बता चुकी हूं, हमारे 6 टिकट वेटलिस्ट में थे। उस समय तत्काल टिकट का दाम 4000 था और मार्केट में फ्लाइट का एक टिकट 5000 रुपये का पड़ रहा था। हमने रेलोफाये से वेटलिस्ट प्रोटेक्शन लिया था। चार्ट बनने के बाद हमें सिर्फ 2000 रुपये में फ्लाइट का टिकट मिल गया।
रेलोफाये की संस्थापक टीम से रोहन ने बताया, लगभग 30 करोड़ भारतीय हर साल रेलवे की वेटलिस्ट से जूझते हैं। हम चाहते हैं कि यात्री को अपने सफर में कोई परेशानी न हो। जनवरी 2020 से हमने इसे शुरू किया और पहले कुछ महीने में ही करीब 100 यात्रियों ने हमारे माध्यम से अपना सफर पूरा किया। रोहन ने कहा कि जिन यात्रियों का गांव एयरपोर्ट से दूर है, रेलोफाये उन्हें उनके घर से एयरपोर्ट तक पहुंचाने की सुविधा भी देता है। उन्होंने कहा कि हालांकि रेलोफाये लंबे सफर को आसान बनाने के साथ ही छोटे मार्गो के लिए बस सुविधा भी देना शुरू कर रहा है, ताकि यात्रियों को कम से कम परेशानी हो।