खन्नाः लड़की के साथ घर से भागे गांव ईसड़ू के युवक की हत्या के मामले में नामजद चौकी इंचार्ज समेत चारों मुलाजिमों को सस्पेंड भी कर दिया गया। एसएसपी गुरशरणदीप सिंह ग्रेवाल ने इस मामले की बारीकी से जांच के लिए एसआईटी का गठन करते हुए चौकी इंचार्ज करमजीत सिंह, एएसआई हरभजन सिंह, हवलदार जसवंत सिंह, होमगार्ड जवान अवतार सिंह को सस्पेंड करने के आदेश जारी किये।
एसआईटी में एसपी (आई) जसवीर सिंह, डीएसपी दीपक राय व एसएचओ अनवर अली को शामिल किया गया है। एसआईटी के लिए सबसे पहले ये जानना जरूरी है कि गोल्डी चौकी से खेतों तक कैसे पहुंचा। ये जानने के लिए पुलिस की विभिन्न टीमों ने वीरवार को ईसड़ू गांव में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। साथ ही मुंशी ने जिस कैमरे का रिकार्ड डिलीट करने का फीडबैक लिया था, उसका डाटा रिकवर करने के लिए आईटी एक्सपर्ट भी बुलाए गए थे।
सूत्रों की मानें तो पुलिस के हाथ कुछ फुटेज लगी हैं, जिनसे यह साबित होता है कि गोल्डी को दो दिनों तक चौकी में अवैध हिरासत में रखा गया था। अब तक की जांच में उक्त चारों मुलाजिमों की लापरवाही भी सामने आ रही है। भाई गुरजीत सिंह ने आरोप लगाया था कि जिस दिन गोल्डी और लड़की पकड़े गए तो लड़की पक्ष ने पहले दो दिन चौकी में पुलिस से पिटवाया। खुद भी चौकी आकर पीटा था। हमें उससे मिलने नहीं दिया गया। उससे चौकी में सफाई और चाय पानी का काम कराते रहे, बाद में कहा, वह भाग गया है। अगले दिन युवके की लाश खेत से मिली थी। वहीं, इस मामले में एसआईटी ने लड़की के पिता सतनाम सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। लड़की सुखदीप कौर व उसकी मां जसविंदर कौर को भी मामले में नामजद किया गया है। इससे पहले दोनों के नाम केस में नहीं थे। एसएसपी ग्रेवाल ने कहा कि मामला गंभीर है और सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है। जो भी दोषी होगा, उसे किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
लाश मिलने के बाद भड़के मृतक के परिजनों ने बुधवार को खन्ना-मालेरकोटला रोड जाम कर दी थी। पुलिस पर भी 50 हजार मांगने के आरोप लगे हैं। चौकी के मुंशी की एक्सपर्ट से सीसीटीवी फुटेज डिलीट करने की जानकारी लेने वाला आॅडियो भी वायरल होने का नोटिस लेकर एसएसपी गुरशरणदीप सिंह ग्रेवाल ने चौकी इंचार्ज करमजीत सिंह, एएसआई हरभजन सिंह, हवलदार जसवंत सिंह, पीएचसी अवतार सिंह, लड़की के पिता सतनाम सिंह, राजिंदर सिंह, बिल्लू, घोगी, शरणजीत सिंह, हनी, तोता के खिलाफ कत्ल का केस दर्ज करने के आदेश दिए थे। इसके बाद गोल्डी का संस्कार हुआ था।