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HMV में ‘नैवेगेटिंग द रैपिड्स आफ पेरेंटिंग- ए सोशल रिसपांसिबिलिटी परसपैक्टिव’ पर नेशनल वर्कशाप का आयोजन

जालंधर (अमन बग्गा): हंसराज महिला महाविद्यालय में मनोविज्ञान विभाग द्वारा आईसीएसएसआर के तत्वाधान से एक दिवसीय नेशनल वर्कशाप जिसका विषय नैवेगेटिंग द रैपिड्स आफ पेरेंटिंग – ए सोशल रिसपांसिबिलिटी परसैपक्टिव था, का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का शुभारंभ डा. वन्दना शर्मा, अकाल विश्वविद्यालय बठिण्डा, डा. अंजली (हैड, साइकोलोजी विभाग, इलाहाबाद डिग्री कालेज, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी, डा. सुषमा चावला, मैंबर लोकल कमेटी, प्राचार्या प्रो. डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन, डा. कंवलदीप कौर (डीन एकेडेमिक्स), डा. आशमीन कौर, अध्यक्ष मनोविज्ञान विभाग ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

कार्यक्रम की संयोजिका डा. आशमीन कौर ने कहा कि आज स्वास्थ्य, खुशी और मानवीय मूल्यों को अपनाना तथा बच्चों का पालन पोषण एक बहुत बड़ी समस्या बन गया है। उसी के निदान हेतु इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। प्राचार्या प्रो. डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन ने कहा कि हर माता-पिता और हर बच्चा अपने-आप में यूनीक हैं। उन्होंने कहा कि हर लडक़ी में पेरेटिंग के गुण होते हैं व बच्चों के पालन-पोषण में पिता की भूमिका भी उतनी ही महत्वपूर्ण होती है।

डा. वन्दना ने पीपीटी के माध्यम से पालन-पोषण के विभिन्न तरीकों पर चर्चा करते कहा कि आज डिजीटल तकनीक जैसे मोबाइल, इंटरनेट, व्हाट्सएप जैसी चीजों की हमारे जीवन में बाढ़ आ चुकी है। जिसके दुष्परिणाम हम समाज में देख सकते हैं। उन्होंने कहा कि पेरेंटस को अपनी इच्छाओं को बच्चों पर थोपना नहीं चाहिए बल्कि उसकी क्षमता के अनुसार उसे आगे बढऩे में उसकी सहायता करनी चाहिए। सामाजिक कुरीतियों पर काबू पाने के लिए बेटों को भी समझाने की जरूरत है। आजादी और सन्तुलन दोनों में सन्तुलन होना बहुत जरूरी है। माता-पिता को बच्चों में यह विश्वास पैदा करना चाहिए कि वह हर परिस्थिति में उनके साथ खड़े हैं। डा. सुषमा चावला ने कहा कि सभी लड़कियों के लिए शादी से पहले कौंसलिंग होना बहुत जरूरी है। प्राचार्या प्रो. डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन ने सभी मेहमानों को फुलकारी व पेंटिंग भेंटकर सम्मानित किया।

शाम के सत्र में पैनल डिस्कशन का आयोजन किया गया। इसमें डा. दविंदर सिंह, हैड (साइकोलोजी विभाग, जी.एन.डी.यू. अमृतसर), डा. (प्रो.) सीमा विनायक (हैड साइकोलोजी विभाग, पंजाब यूनीवर्सिटी चंडीगढ़, डा. (प्रो.)हरप्रीत कौर, साइकोलोजी विभाग, पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला, डा. जसबीर ऋषि, डीएवी यूनिवर्सिटी, जालंधर उपस्थित रहे। समापन समारोह में वर्कशाप की आर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी मिस शालू बत्रा ने सभी का धन्यवाद किया। मंच संचालन डा. अंजना भाटिया ने किया।