नई दिल्ली: किसान विधेयकों के विरोध में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के एक दिन बाद शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) की वरिष्ठ नेता हरसिमरत कौर बादल ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें दुख है कि किसानों के समर्थन में उठाई गई उनकी आवाज को नहीं सुना गया और साथ ही उन्होंने सरकार से इन विधेयकों को विस्तृत विचार-विमर्श के लिए संसदीय समिति के पास भेजने की मांग की।
हरसिमरत ने कहा, मैं सरकार से लगातार अनुरोध करती रही कि किसानों की सभी आशंकाओं और डर को दूर किये बिना कृषि विधेयकों को आगे नहीं बढ़ाया जाए। इन विधेयकों को संसद की प्रवर समिति के पास भेज दिया जाना चाहिए और सरकार को सभी संबद्ध पक्षों, खासतौर से किसानों से बातचीत करनी चाहिए। हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि मंत्रिपरिषद में अध्यादेश आने के बाद से मैं इसका विरोध करती रही हूं, पंजाब और किसानों के प्रतिनिधि के रूप में अपने कर्तव्य को निभाते हुए मंत्री पद छोड़ा।
हरसिमरत ने कहा, इन तीन विधेयकों पर संसद की बहस में भाग लेने और अपना विरोध दर्ज कराने का कर्तव्य निभाने के लिए मैं अपनी मां को अस्पताल के आईसीयू में छोड़कर आई। इसके बाद मैंने इन प्रस्तावित विधेयकों के विरोध में इस्तीफा दे दिया।
बता दें, हरसिमरत कौर ने अपने पति और शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के गुरुवार रात लोकसभा में इन विधेयकों पर कड़ा विरोध करने के बाद इस्तीफा दे दिया था। सुखवीर सिंह बादल ने दावा किया कि प्रस्तावित विधेयकों से पंजाब में कृषि क्षेत्र नष्ट हो जाएगा और उन्होंने घोषणा की कि हरसिमरत कौर बादल इन तीन विधेयकों के विरोध में सरकार में मंत्री पद छोड़ देंगी।