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VIDEO- GST विभाग की बड़ी लापरवाही से पटाखा व्यापारी लगा रहे सरकार को लाखों का चूना. बर्ल्टन पार्क जालंधर में कच्चे बिल का खेल.जैसा ग्राहक वैसा रेट. खबर पढ़नें के लिए नीचे जाए

 

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जालंधर (अमन बग्गा) सरकार एक तरफ तो खजाना खाली होने का अलाप राग रही है । वही दूसरी तरफ जीएसटी विभाग की बड़ी लापरवाही से सरकार को लाखों का चूना लग रहा है। जीएसटी विभाग के अधिकारियों को बर्ल्टन पार्क जालंधर में हो रही धांधली नजर न आना कोई बड़ी डील की तरफ इशारा कर रहा है।
जालंधर बर्ल्टन पार्क में 20 दुकानों की आड़ में लगभग 100 से ज्यादा व्यापारी ग्राहकों को बिना जीएसटी बिल के ही धड़ल्ले से पटाखें बेच रहे है।
लेकिन जीएसटी विभाग के अधिकारी आंखे मूंद कर सरकार के खजाने की बर्बादी का तमाशा देख रहे है।

बर्ल्टन पार्क में कच्चे बिल का खेल जोरोशोरो से चल रहा है। एक ही कंपनी के बने पटाखें विभिन्न दुकानों पर ग्राहकों को अलग अलग महंगे महंगे रेट में बेचने में दुकानदार कोई कसर नही छोड़ रहे। जैसा ग्राहक वैसा रेट लगाकर दुकानदार खुद की जेबें भरने पर तो बेहद चतुराई दिखा रहे है लेकिन सरकार के खजाने को भरने में पूरी तरह से सुस्त नजर आ रहे है।

कोर्ट के आदेशों के बाद भले ही पुलिस प्रशासन ने मात्र 20 लोगों को ही लाइसेंस जारी किए हो मगर एक लाइसेंस धारक व्यापारी के साथ साथ चार अन्य व्यापारी पटाखों को बेच रहे है।
मतलब साफ है कि प्रशासन द्वारा लाइसेंस के लिए निकाले गए ड्रा मात्र औपचारिकता ही बन कर रह गई है। यहां तक ठीक था मगर 20 लाइसेंस धारकों की आड़ में पटाखें बेचने वाले लगभग 100 व्यापारियों में मात्र 5 व्यापारियों के पास जीएसटी नम्बर है 20 लाइसेंस धारकों में से 15 व्यापारियों ने जीएसटी नम्बर एप्लाई किया है। अन्य 80 काउंटर पर अवैध तौर पर पटाखों की बिक्री होने से प्रशासन पर उंगली उठ रही है। क्यों कि जीएसटी बिल कोई दुकानदार नही काट रहा है। सीधे तौर पर सरकार को घाटा पड़ रहा है।

एडीसीपी भंडाल द्वारा कल सख्त निर्देश जारी किए गए थे कि सभी दुकानदार अपनी दुकानों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा गार्ड तैनात करेगा ताकि कोई भी शरारती तत्व किसी भी तरह की कोई शरारत न कर सके।

मगर जब इस बारे में मौके पर पहुंचे एससीपी नवदीप सिंह माहल से PLN की टीम ने बात की तो उन्होंने कहा कि इस बारे जांच कर तुरन्त कार्रवाई की जाएगी।

हमारी टीम ने पटाखें बेचने वाले व्यापारी बाहरी,गुल्लू ,राणा, भंडारी ,खज़ान सिंह, महाजन आदि की दुकानों से हज़ारों के पटाखें खरीदने वाले ग्राहकों से बात की तो एक भी ग्राहक ऐसा नही मिला जिस को इन दुकानदारों ने जीएसटी बिल दिया हो।
अब बड़ा सवाल ये उठता है कि भारी भरकम तनख्वाह लेने वाले जीएसटी विभाग के अधिकारियों को ये धांधली नजर क्यों नही आ रही।
जीएसटी विभाग ने दुकानों में रेड मार कर एक बार भी उन के पास पड़े माल और जीएसटी बिल की चेकिंग करने की खिदमत नही उठाई।

सरेआम ग्राहकों को पटाखों के डिब्बों पर ही कच्चे बिल बनाकर पटाखें बेचे जा रहे है। प्रशासन की चुप्पी के पीछे रिश्वत के खेल होने की संभावना जताई जा रही है। अब देखना ये होगा कि जीएसटी विभाग सरकार का खाली खजाना भरने के लिए क्या कोई ठोस कदम उठाता है या नही।
बर्ल्टन पार्क में चल रहे कच्चे बिल के खेल को रोकने में नाकाम जीएसटी विभाग कुछ हरकत में आती है या नही। अगर अभी भी कोई कार्रवाई न की गई तो अधिकारियों की जेबें गर्म होने की आशंका जताई जा सकती है।

हैरानी की बात ये है कि इस बारे में जब हम ने विभाग के अधिकारियों से बात की तो उन्हें इस बारे में कोई सूचना ही नही थी। जीएसटी विभाग कुंभकर्णी नींद सोने में मस्त है और सरकार को एक एक व्यापारी लाखों का चूना लगाने में मशगूल है। 6 और 7 नवंबर की बात करें तो
हरेक काउंटर पर लाखों रुपये का पटाखा बिकने का अनुमान है। प्रत्येक काउंटर पर अगर 2 से 5 लाख का पटाखा भी बिकता है तो 100 काउंटर पर लगभग 2 से 5 करोड़ का पटाखा बिकने की उम्मीद है। इस हिसाब से सरकार को लगभग 50 लाख से ज्यादा का चुना लगेगा। जिस का जिम्मेदार सीधे तौर पर जीएसटी विभाग की लापरवाही मानी जा सकती है।