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HMV में सात दिवसीय ‘फैकल्टी डिवैल्पमैंट प्रोग्राम’ का चतुर्थ दिवस

जालंधर (अमन बग्गा): हंसराज महिला महाविद्यालय जालंधर के प्रांगण में कॉलेज प्राचार्या प्रो. डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन जी के प्रोत्साहनवर्धक नेतृत्व अधीन आयोजित सात दिवसीय फैकल्टी डिवैल्पमैंट प्रोग्राम में ‘दृश्य एवं प्रदर्शनी कला’ विषयक चतुर्थ दिवस सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। परम्परागत ढंग से ज्ञान की ज्योति प्रज्जवलित कर एवं डी.ए.वी. गान से समागम का शुभारंभ किया गया।

इस शुभ अवसर पर विशेषज्ञ स्वरूप डा. नीलम महेन्द्रू (एसोसिएट प्रोफैसर कन्या महाविद्यालय, जालन्धर) एवं डा. अशोक कुमार (एसोसिएट प्रो. संगीत वादन, सरकारी कॉलेज, चंडीगढ़) का प्राचार्या प्रो. डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन, प्रोग्राम कोआर्डिनेटर डा. राखी मेहता, को-कोआर्डिनेटर डॉ. पूजा मिन्हास एवं विभागाध्यक्ष संगीत वादन डॉ. संतोष खन्ना जी ने प्लांटर एवं सभ्यता की प्रतीक फुलकारी भेंट कर संस्था परिसर में हार्दिक अभिनंदन किया।

प्राचार्या प्रो. डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन ने इस संदर्भ में बताया कि सात दिवसीय इस कार्यक्रम के माध्यम से हम ज्ञानवान् बनेंगे एवं ज्ञान प्राप्त कर अपनी मीमांसा को शांत करने का पूर्ण प्रयास कर अपनी शिक्षण पद्धति को बेहतर बनाने में सक्षमता प्राप्त करेंगे। डॉ. संतोष खन्ना (विभागाध्यक्ष संगीत वादन) ने बताया कि आज का दिन रिद्दम (ताल/लय) को समर्पित रहेगा जो हमारे ज्ञान में वृद्धि कर हमें ज्ञानार्जन करने में सहायता प्रदान करेगा।

डॉ. नीलम महेन्द्रू जी ने अपने वक्तव्य में ‘संगीत एक साधना है’ विषय पर विस्तारपूर्वक चर्चा की एवं कहा कि संगीत एक ऐसी कला है जो पूर्ण समर्पण का भाव चाहती है। समर्पण के माध्यम से ही हम इस कला को फलीभूत कर सकते हैं। डॉ. अशोक कुमार ने अपने संभाषण में ‘सितार वादन में लयकारी के महत्व’ पर विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए रागकारी में लयात्मकता के महत्व को प्रतिपादित किया।

दोपहरान्त सैशन में डॉ. अशोक कुमार जी द्वारा प्रैक्टिकल सैशन दिया गया। जिसमें संगीतात्मक वातावरण में मन्त्रमुग्ध हो समस्त जनों ने संगीत की गहनता को अनुभव कियाी। यह सत्र भी अत्यधिक ज्ञानात्मक एवं मनोरंजनपूर्ण रहा। समग्रत: सात दिवसीय इस फैकल्टी डिवैल्पमैंट प्रोग्राम का चतुर्थ दिवस सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर डॉ. एकता खोसला (डीन एकैडेमिक), डा. प्रेम सागर एवं विभाग के अन्य सदस्य भी उपस्थित रहे।