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रिश्वतखोरों के लिए खबर नही सबक- पढ़ें कैसे रिश्वतखोरी ने तबाह कर डाली डिप्टी चीफ लेबर कमिश्नर और लेबर इन्फोर्समेंट ऑफिसर की जिंदगी, 1 लाख 30 हजार रिश्वत लेते गिरफ्तार

चंडीगढ़ः केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने केंद्रीय सदन सेक्टर-9 में तैनात डिप्टी चीफ लेबर कमिश्नर महेश चंद शर्मा, लेबर एन्फोर्समेंट ऑफिसर विवेक नायक समेत पांच लोगों को 1.30 लाख रुपये की रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किया है। बठिंडा की एक एचआर कंपनी के पार्टनर गुरमीत सिंह, मुनीष कुमार और बठिंडा की ही कंस्ट्रक्शन कंपनी के इम्प्लॉई अखंड राज सिंह को भी सीबीआई ने पकड़ा है। सीबीआइ ने पांचों को पंचकूला स्थित वेस्टर्न कोर्ट होटल सेक्टर-10 से गिरफ्तार किया है।

शुक्रवार को पांचों को चंडीगढ़ सीबीआइ की विशेष अदालत में पेश किया गया। जांच एजेंसी ने पांचों का पांच दिन का रिमांड मांगा था, लेकिन अदालत ने सभी को तीन दिन के रिमांड पर भेज दिया। बठिंडा की एडवांटेज एचआर सोल्यूशंस कंपनी के गुरमीत और मुनीष कुमार लेबर कमीशन चंडीगढ़ के लिए काम करते थे। जिन कंपनियों में कर्मचारियों के ईपीएफ और अन्य लेबर लॉ से संबंधित गड़बड़ियां होती थीं, वहां कार्रवाई न करने की एवज में ये लोग प्राइवेट कंपनियों से पैसे इकट्‌ठे कर आगे लेबर कमीशन ऑफिस को देते थे। एक दिन लेबर इन्फोर्समेंट ऑफिसर विवेक नायक ने बठिंडा की नागार्जुन कंस्ट्रक्शन कंपनी पर रेड की। कंपनी के इम्प्लॉई ने गुरमीत और कुमार से कहा कि वे क्वार्टरली 35 हजार रुपए रिश्वत दे रहे हैं, फिर रेड क्यों।

गुरमीत ने लेबर इन्फोर्समेंट ऑफिसर विवेक नायक से बात की। विवेक ने उन्हें डेढ़ लाख रुपए लेकर आने को कहा। गुरमीत ने कंपनी से पैसे लिए और आगे पैसे देने के लिए पंचकूला में मिलना तय हुआ। होटल में जब वह पहुंचा तो सीबीआई ने रिश्वत लेने और देने वालों को दबोच लिया। सीबीआई के पास इस रिश्वत के खेल की पूरी जानकारी थी। सीबीआई ने एक महीने से इन सभी आरोपियों के फोन सर्विलांस पर लगाए हुए थे। जैसे ही सीबीआई को इस डील के बारे में जानकारी मिली, तभी ट्रैप लगाकर इन सभी को काबू कर लिया।