फरीदकोटः फरिदकोट में आज एक महिला डॉक्टर को इंसाफ दिलाने के लिए धरने पर बैठी महिलाओं पर पुलिस द्वारा लाठियां बरसाई गई। ये सभी डीसी दफ्तर का घेराव करने जा रही थी। पुलिस ने इन्हें रोकने के लिए आंसू गैस के गोले, वॉटर कैनेन व लाठीचार्ज करनी पड़ी। जबरन विरोधी एक्शन विरोधी कमेटी की अगुवाई में किए जा रहे धरने में शामिल प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस द्वारा कुछ को एहतियातन हिरासत में लेकर सिटी थाने ले जाया जहां से कुछ समय बाद छोड़ दिया गया।
कमेटी के सदस्य गुरू गोविंद सिंह मेडिकल कालेज व अस्पताल की पीड़ित डॉक्टर को न्याय दिलाने की मांग को लेकर डीसी दाफ्तर का घेराव करने के लिए जा रहे थे। कमेटी के सदस्य केशव आजाद ने बताया कि वह पिछले 22 दिनों से दुर्व्यवहार की शिकार महिला डॉक्टर को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष कर रहे हैंं। जिला प्रशासन यूनिवर्सिटी प्रशासन के दबाव में जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं कर रहा है। केशव आजाद ने कहा कि पुलिस ने बर्बरतापूर्ण अपनी कार्रवाई में महिलाओं, बुजुर्गो व पीड़िता को भी नहीं छोड़ा यह बेहद दु:खद स्थिति है।
लाठीचार्ज पर क्या बोले एसपी?
वहीं ये लाठीचार्ज को लेकर एसपी सेवा सिंह मल्ली ने बताया कि बिना किसी पूर्व परमिशन के डीसी दफ्तर का घेराव करने जा रहे सैकड़ों लोगों को पुलिस द्वारा समझाने के साथ उन्हें रोकने का प्रयास किया गया, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की बैरीकेटिंग तोड़ने के साथ पुलिस बल पर पत्थरों से हमला कर दिया गया, जिसमें कई पुलिस के जवान भी घायल हुए। उन्होंने मजबूरन पुलिस द्वारा हलका बल प्रयोग कर भीड़ को तितर-बितर किया गया।
क्या है मामला?
महिला डॉक्टर का कथित आरोप है कि उसके ही विभाग के एचओडी द्वारा उसके साथ दुव्र्यवहार किया गया, जब उसने इसकी शिकायत यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर को की तो यूनिवर्सिटी प्रशासन उसे ही आरोपों के कठघरे में खड़ा करने लगा। मजबूरन उसे न्याय के लिए फरीदकोट के पुलिस-प्रशासन की दर पर आना पड़ा।