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फेसबुक, ट्विटर पर हिन्दुओं में नफरत फैलाने की साजिश करती तमाम फेक ID का राज कहीं यही तो नहीं जिसका मुख्य गुनाहगार है जावेद

PLN: बीते कई सालों से फेसबुक-ट्विटर पर ऐसी ID की बाढ़ आई हुई है जिनसे हिन्दू समाज में फूट पढ़ सके। दुनियां जानती है की हिंदुओं की एकता को खंडित करने के लिए फर्जी सोशल मीडिया ID का सहारा लिया जा रहा है।

झारखंड ATS ने जावेद नाम के ऐसे उन्माद्दी को गिरफ्तार किया है जिसके पास से 10 हजार से ज्यादा सिम कार्ड तथा एक सिम बॉक्स बरामद हुआ है। आशंका जताई जा रही है कि इन सिम कार्ड से हिन्दुओं के नाम से सोशल मीडिया पर फेक ID तो बन ही रही थी, साथ ही जावेद का आतंकी कनेक्शन की भी आशंका है। जावेद के साथ उसके एक रिश्तेदार को भी गिरफ्तार किया गया है।

झारखंड की राजधानी रांची के कांके से बरामद किए गए सिम बॉक्स और दस हजार सिम कार्ड की जांच के लिए एटीएस अब आईबी से मदद लेगी। ताजा जानकारी के मुताबिक, एक ही व्यक्ति के नाम पर तीन हजार सिम कार्ड रजिस्टर्ड हैं। गिरफ्तार दोनों युवक बीसीए के छात्र हैं, जो नौ-नौ हजार रुपये के वेतन पर काम करते थे। शुरुआती जांच में पता चला है कि रांची से बिहार, ओड़िसा, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और तमिलनाडु में सबसे ज्यादा मैसेज भेजे गए।

बतादें कि बुधवार को एटीएस की टीम ने सिम बॉक्स चला रहे एक रैकेट का भंडाफोड़ किया था। कांटा टोली और कांके रोड में छापा मारा गया है। इन दोनों सेंटरों पर सिम बॉक्स को फिक्स कर मोबाइल के फोन कॉल्स बायपास किए जा रहे थे। एसएसपी अनीश गुप्ता ने बताया कि एटीएस की कार्रवाई में इस गिरोह का खुलासा हुआ है। पुलिस फिलहाल मामले की जांच कर रही है।

जांच से पता चला कि एक ही व्यक्ति के नाम पर एक मोबाइल कंपनी के तीन हजार पोस्टपेड कनेक्शन जारी किए गए थे। हिरासत में लिए गए लोगों का मुख्य सरगना दिल्ली से इस पूरे नेटवर्क को संचालित करता था। इस सिम बॉक्स से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अरब देशों में बातचीत की जाती थी और मैसेज भेजे जाते थे। रांची से बरामद 10 हज़ार सिम कार्ड का सिम बॉक्स से एक साथ 50 हज़ार लोगों को मैसेज भेजे जा सकते थे। इसका उपयोग धार्मिक उन्माद फैलाने में भी किया जा सकता था। फिलहाल एटीएस इस मामले में हिरासत में लिए गए लोगों से पुछताछ कर रही है।

रांची एसएसपी अनीश गुप्ता के अनुसार ये मामला काफी गंभीर है और देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। इसमें जितने भी लोग शामिल हैं उनकी गिरफ्तारी जरूरी है।

 

 

Fake ID’s plot to spread hatred among Hindus on Facebook, Twitter, can be the main culprit, Javed