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देश के किसी भी धर्म व नागरिक के खिलाफ नहीं है नागरिकता संशोधन कानून : एडवोकेट नवजोत सिंह

कांग्रेस व उस के साथियों के बहकावे में न आए लोग, शांति बनाए रखें: एडवोकेट अमित सिंह संधा

जालंधरः नागरिकता संशोधन बिल राज्यसभा से पास होने के बाद देश के कई हिस्सों में लगातार हो रहे प्रदर्शन को लेकर जालंधर बीजेपी सेक्रेटरी व एडवोकेट अमित सिंह संधा और एडवोकेट लिटरेरी फार्म के कन्वीनर एडवोट नवजोत सिंह ने संयुक्त बयान में कहा कि देश में प्रदर्शन के नाम पर सब गलत हो रहा है। नागरिकता संशोधन कानून किसी भी नागरिक के खिलाफ नहीं है। अगल किसी का सीएए से जुड़ा कोई सवाल या परेशानी है तो उसे शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि, लोग कांग्रेस व उस के साथियों के बहकावे में न आए। यह शांति, एकता और भाईचारा बनाए रखने का समय है। सभी से अपील है कि किसी भी तरह की अफवाह और झूठ से दूर रहें।

वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने हिंसक प्रदर्शन पर ट्वीट करते हुए लिखा कि समय की मांग है कि हम सभी भारत के विकास और प्रत्येक भारतीय, विशेषकर गरीब, दलित और हाशिए के सशक्तिकरण के लिए मिलकर काम करें।हम निहित स्वार्थ समूहों को हमें विभाजित करने और अशांति पैदा करने की अनुमति नहीं दे सकते। पीएम ने एक और ट्वीट करते हुए कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 संसद के दोनों सदनों द्वारा भारी समर्थन के साथ पारित किया गया था। बड़ी संख्या में राजनीतिक दलों और सांसदों ने इसके पारित होने का समर्थन किया।यह अधिनियम भारत की सदियों पुरानी संस्कृति की स्वीकृति, सद्भाव, करुणा और भाईचारे को दर्शाता है।

बताते चलें कि बिल पास होने के बाद जो हिंसक विरोध प्रदर्शन पूर्वोत्तर के राज्यों में शुरू हुआ था, अब वह देश की राजधानी दिल्ली तक पहुंच गया है। पूर्वोत्तर के राज्यों को एक ओर जहां अपनी अस्मिता की चिंता है, तो देश के अन्य राज्य इस कानून को ही गैर-संवैधानिक करार दे रहे हैं। इन प्रदर्शनों में अभी तक दर्जनों लोगों के घायल होने की खबर मिल रही है। स्टूडेंट यूनियन समेत कई संगठन इस बिल को खारिज करने की मांग कर रहे हैं।

रविवार शाम देश की राजधानी दिल्ली के जामिया इलाके में शुरू हुए विरोध प्रदर्शन ने उग्र रूप ले लिया। प्रदर्शनकारियों ने जुलेना के पास तीन बसों में आग लगा दी है। प्रदर्शन को रोकने के लिए पुलिस ने पानी, आंसू गैस के गोले का इस्तेमाल किया। जामिया और जेएनयू के छात्रों को दूसरे संगठनों का समर्थन भी मिला है।