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इनोकिड्स के चारोंं स्कूलों में बच्चों ने खेली फूलों की होली, जमकर की मस्ती

जालन्धर: इनोसेंट हार्ट्स के चारों स्कूलों के इनोकिड्स (जी.एम.टी., लोहारां, कैन्ट-जंडियाला रोड व द रॉयल वल्र्ड इंटरनैशनल स्कूल) में नन्हे-मुन्ने बच्चों ने फूलों की होली खेलकर तथा ऑरगैनिक गुलाल से एक-दूसरे को तिलक लगाकर आपसी भाईचारे का संदेश दिया। बहुत से बच्चे राधा-कृष्ण बनकर आए तथा बड़े उत्साह से फूलों के साथ होली खेलकर इस पर्व को मनाया। अध्यापिकाओं ने बच्चों को होलिका की कहानी सुनाई तथा होली के पर्व का महत्त्व समझाया।

उन्हें सिंथेटिक रंगों का इस्तेमाल करने से होने वाले नुक्सान बताए गए तथा उन्हें प्रोत्साहित किया गया कि वे इको-फ्रैंडली रंगोंं का इस्तेमाल करें तथा सिर्फ तिलक लगाएं। पानी को भी व्यर्थ न करेंं, उन्हें सेव वॉटर का संदेश दिया गया। बच्चोंं ने वादा किया कि वे सिंथेटिक रंगोंं का इस्तेमाल नहीं करेंगे। बच्चों को समझाया गया कि होली प्रेम तथा आपसी भाईचारे का संदेश लेकर आती है। बच्चों ने खूब मस्ती की। इनोकिड्स इंचार्ज गुरमीत कौर (जी.एम.टी.), अलका अरोड़ा (लोहारां), नीतिका कपूर (सी.जे.आर.) व पूजा राणा (द रॉयल वल्र्ड) ने बताया कि विद्यालय में सभी पर्व मनाने का उद्देश्य बच्चों को अपनी संस्कृति तथा पर्वों की महत्ता बताना है। उन्होंने बताया कि बच्चोंं को प्रत्येक पर्व उमंग व उत्साह से मनाने के लिए प्रेरित किया जाता है।

साथ ही इनोसेंट हार्ट्स कालेज ऑफ एजुकेशन जालन्धर में ‘ध्यान और आत्मसमझ’ पर एक सैमीनार का आयोजन किया। सैक्रेड हाट्र्स कालेज ऑफ एजुकेशन के प्रिंसीपल डॉ. तीर्थ सिंह रिसोर्सपर्सन थे। उन्होंने कहा कि जब हम समझते हैं कि कर्म इच्छा पर आधारित है तो हम अपनी बड़ी जि़म्मेवारी देख सकते हैं। प्राचार्य डा. अरजिन्दर सिंह ने कहा कि होली सभी नकारात्मक शक्तियों को मिटाने का सबसे अच्छा अवसर है, यह बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। होलिका अलाव में हमेंं अपनी बुराइयोंं को जलाने का अवसर मिलता है। अंत में विद्यार्थी-अध्यापकों ने फूलों और जैविक रंगोंं के साथ होली खेलने का आनंद उठाया।