नई दिल्ली: लोगों के बीच टिक टॉक को लेकर जबरदस्त क्रेज देखने को मिलता है। हालांकि इस चीनी ऐप को बीच में भारत में बैन कर दिया था, लेकिन कुछ समय बाद ये ऐप फिर से ठीक ठाक चलने लगा। टिक टॉक को लेकर समय समय पर कई सवाल उठे हैं। हाल ही में टिक टॉक को पैरासाइट बताया गया हैं। जी हां, अमेरिकी सोशल डिस्कशन वेबसाइट रेडिट के को-फाउंडर और सीईओ ने इस ऐप को पैरासाइट जैसा बताया है। यही नहीं इसे स्पाई वेयर तक कहा गया।
रेडिट के सीईओ स्टीव हफमैन ने कहा कि टिक टॉक ऐप पैरासाइट जैसा है। वहीं एक वेबसाइट ने इसे स्पाई वेयर कहा है। जिसका मतलब ऐसे ऐप जो आपकी जासूसी करते हैं। स्टीव हफमैन ने टिक टॉक को लेकर कहा कि मुझे ये ऐप पैरासाइट जैसा लगता है, जो हमेशा आपको सुनता है। इसके साथ ही जो फिंगरप्रिंटिंग टेक्नॉलजी का इस्तेमाल करते हैं, वो तो डराने वाला है। ऐसे में इस तरह के ऐप को फोन में इंस्टॉल नहीं कर सकता हूं। इसके साथ हीउन्होंने लोगों को भी सलाह दिया है कि वो भी अपने फोन में स्पाईवेयर को इंस्टॉल नहीं करें।
बता दें कि दुनियाभर में टिक टॉक ऐप को 104.7 मिलियन बार डाउनलोड किया जा चुका है। जिसमें सिर्फ भारत में 34.1% डाउनलोड किया गया है। इस आकंड़े से अंदाजा लगा सकते हैं कि ये ऐप लोगों के बीच किस कदर पसंद किया जा रहा है।