चंडीगढ़: 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी दिनकर गुप्ता को पंजाब के नए डीजीपी घोषित किया गया है। यूपीएससी ने 3 अधिकारियों का पैनल शॉर्टलिस्ट कर सरकार को भेजा था। इसमें दिनकर गुप्ता के अलावा मोहम्मद मुस्तफा व सामंत गोयल का नाम था। मगर बेदाग छवि व काबलियत के बल पर दिनकर गुप्ता का अक्स भारी पड़ा।
ये है दिनकर गुप्ता के DGP बनने की वजह…
दिनकर गुप्ता का किसी भी राजनीतिक दल से नाता न होने के कारण उनके डीजीपी बनने की राह आसान हुई है। वह डीजीपी बनने से विपक्ष के पास डीजीपी की तैनाती को लेकर कोई मुद्दा नहीं रहेगा। डीजीपी बनने से पहले वह इंटेलिजेंस चीफ पद पर अपनी सेवाएं दे रहे थे। इससे पहले उन्होंने केंद्र सरकार में डैपूटेशन के दौरान आईबी में बतौर ज्वाइंट डायरेक्टर के तौर पर काम किया है।
आपको बता दें कि पूर्व डीजीपी सुरेश अरोड़ा ने पंजाब सरकार को खुद पत्र लिख कर एक्सटेंशन लेने से मना कर दिया था। इसके बाद पंजाब सरकार को जरूरत थी सुरेश अरोड़ा जैसे ही साफ सुथरी छवि के तेजतर्रार अधिकारी की, जो न केवल कानून व्यवस्था को कंट्रोल कर सके, बल्कि पब्लिक डीलिंग में भी बेहतर हो। सरकार की यह तलाश दिनकर गुप्ता पर आकर ठहरी।