हरियाणा के वित्तमंत्री ने मनोहरलाल सरकार के वर्तमान कार्यकाल के अंतिम बजट में कोई नया कर नहीं लगाया है और विभिन्न वर्गों के लिए कई तोहफों का ऐलान किया। बजट पूरी तरह से चुनावी रंग में रंगा नजर आया।
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15000 रुपये से कम आय वाले किसान परिवारों और श्रमिकों के परिवारों के लिए नई स्कीम घोषित । इन स्कीमों के लिए 1500 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
सरकारी कर्मचारियों के लिए नई योजना – कर्मचारियों की प्राकृतिक मृत्यु होने पर 2 लाख रुपये देना, 50,000 रुपये की चिकित्सा सुविधा और 30 लाख रुपये तक का दुर्घटना बीमा
वन विभाग के लिए 415.39 करोड़ का बजट।
12.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी।
2018-19 में 369.30 करोड़ था बजट।
-खान एवं भूविज्ञान विभाग के लिए 101.55 करोड़ का बजट।
44.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी।
70.38 करोड़ था पिछला बजट।
-शहरी स्थानीय निकायों के लिए 3994.95 करोड़ का आवंटन।
-नगर एवं ग्राम आयोजन विभाग के लिए 1873.79 करोड़ का बजट।
37.4 प्रतिशत की हुई वृद्धि।
1364 करोड़ था पिछला बजट।
-सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के लिए 216.96 करोड़ का बजट।
-गृह विभाग के लिए 5,150.51 करोड़ रखा बजट।
7.5 प्रतिशत की वृद्धि।
पिछले वर्ष 4791.14 करोड़ का था बजट।
-पर्यटन विभाग के लिए 48.92 करोड़ रख बजट।
-संस्कृति मामले विभाग के लिए 19.14 करोड़ का रखा बजट।
-नागरिक उड्डयन विभाग के लिए 214.10 करोड़ का बजट।
51.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी।
2018-19 में 141 करोड़ का था बजट।
-सूचना प्रद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिकस विभाग के लिए 152.75 करोड़ का बजट।
33 प्रतिशत की वृद्धि।
2018-19 में 114.64 करोड़ का था बजट।
-उद्योग एवं वाणिज्य के लिए मामूली बढ़ोतरी।
करीब 7 करोड़ की बढ़ोतरी।
उद्योग एवं वाणिज्य के लिए 406.72 करोड़ का बजट।
2018-19 में 399.86 करोड़ का था बजट।
-पर्यवरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के लिए 13.09 करोड़ का बजट।
2018-19 में 8.07 करोड़ था बजट।
-बिजली विभाग के लिए 12988.61 करोड़ का आवंटन, नव एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग के लिए 475.91 करोड़ का आवंटन।
-लोक निर्माण 3626.21 करोड़ का परिव्यवय।
14.4 प्रतिशत की वृद्धि।
वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2018-19 में प्रथम चरण में 15,000 पंप और वर्ष 2019-20 में दूसरे चरण में 35000 पंप लगाने की योजना है। इन प्रयासों से हमारे किसान उपभोक्ता के बजाय बिजली उत्पादक और बिजली आपूर्तिकर्ता बनेंगे।
राज्य सरकार ने इस वर्ष गन्ने के लिए 340 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य की घोषणा की है, जो एक बार फिर देश में अधिकतम है। पहली बार, किसानों को गन्ने की बकाया राशि के भुगतान के लिए 16 रुपये प्रति क्विंटल की सब्सिडी दी गई।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना – किसानों से लिए गए 406.27 करोड़ रुपये के प्रीमियम के विरूद्ध मुआवजे के रूप में पिछले तीन वर्षों में 1140.98 करोड़ रुपये की राशि वितरित की गई, जो बीमा कंपनियों को दिए गए 818.20 करोड़ रुपये के प्रीमियम से अधिक है। इसके अलावा, उदार नीति अपनाते हुए, सरकार ने प्राकृतिक आपदा से हुई फसल क्षति के लिए भी प्रति एकड़ 12000 रुपये का मुआवजा दिया है।