You are currently viewing श्री गुरु नानक देव पुस्तकालय को स्मार्ट लाइब्रेरी बनाने के लिए एडवोकेट नवजोत सिंह ने विजय सांपला को लगाई गुहार, लाइब्रेरी में नवीनतम पुस्तकों की आपूर्ति के लिए 25 लाख रुपये आर्थिक मदद की रखी मांग

श्री गुरु नानक देव पुस्तकालय को स्मार्ट लाइब्रेरी बनाने के लिए एडवोकेट नवजोत सिंह ने विजय सांपला को लगाई गुहार, लाइब्रेरी में नवीनतम पुस्तकों की आपूर्ति के लिए 25 लाख रुपये आर्थिक मदद की रखी मांग

 

जालंधर : द बुक्स एंड लिटररी फोरम के अध्यक्ष एडवोकेट नवजोत सिंह ने सामाजिक न्याय राज्य और सशक्तिकरण मंत्री विजय सांपला को पत्र लिख कर श्री गुरु नानक देव जिला पुस्तकालय में

मौजूदा कमियों से अवगत करवाया है। उन्होंने बताया है कि इस द बुक्स एंड लिटररी फोरम पुस्तकों के पठन द्वारा कई जरूरी विषयों को बढ़ावा देने के लिए जालंधर में स्थापित एक सोसायटी है और यह छात्रों, वयस्कों, युवाओं और समाज के अन्य वर्गों के बीच पढ़ने की आदतों को बनाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि फोरम के सदस्यों ने कुछ दिन पहले श्री गुरु नानक देव जिला पुस्तकालय, जालंधर का दौरा किया और देखा कि पिछले कई वर्षों से उक्त लाइब्रेरी में पुस्तकों और साहित्य के नए  संग्रह को नहीं जोड़ा जा रहा है और उक्त लाइब्रेरी पूरी तरह से पुराने संग्रह ही मौजूद है और ये लाइब्रेरी केवल दान के पैसों पर ही निर्भर है।

 लाइब्रेरियन से फोरम के सदस्यों द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार, विभिन्न समाज के लोग उक्त लाइब्रेरी को सोसाइटियों द्वारा प्रकाशित की जा रही पुस्तकों का दान कर रहे हैं और धन और नकदी की कमी के कारण उपरोक्त जिला लाइब्रेरी की में पुस्तकों की बहुत कमी है।

नवजोत सिंह ने कहा कि यह कहावत है कि  “पढ़ना दिमाग के लिए है कि व्यायाम शरीर के लिए है”। पढ़ना जीवन का बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है और उक्त लाइब्रेरी एक समय में प्रतिष्ठित लाइब्रेरी थी लेकिन आज किताबों के संग्रह की की कमी के कारण इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि जालंधर सिटी को स्मार्ट सिटी परियोजना में शामिल किया गया है और इसकी लाइब्रेरी भी स्मार्ट होनी चाहिए और इसमें अच्छा संग्रह होना चाहिए, जो वर्तमान में गायब है।

उक्त पुस्तकालय के लिए अंग्रेजी, पंजाबी, हिंदी और अन्य भाषाओं की नवीनतम पुस्तकों की तत्काल आपूर्ति की आवश्यकता है और इस उद्देश्य के लिए, उक्त पुस्तकालय को पुस्तकें खरीदने के लिए कम से कम 25 लाख रुपये की राशि दी जानी चाहिए ताकि पुस्तकालय संग्रह स्मार्ट सिटी के अनुरूप स्मार्ट पुस्तकालय बन सके।