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विज्ञापन घोटाला : रिश्वत एड लगने के बाद, जेबें गर्म करें और जैसे मर्जी लगाए शहर में अवैध विज्ञापन? बाबू राकेश तिवारी मालामाल ? नगर निगम हो रही कंगाल

5-10-2018

PLN न्यूज़-विज्ञापन घोटाला : रिश्वत एड लगने के बाद, जेबें गर्म करें और जैसे मर्जी लगाए शहर में अवैध विज्ञापन? बाबू राकेश तिवारी मालामाल ? नगर निगम हो रही कंगाल

जालंधर (अमन बग्गा) जेबें गर्म करें और जैसे मर्जी लगाए शहर में अवैध विज्ञापन। रिश्व्त भी एड लगने के बाद।

जी हां लग तो कुछ ऐसा ही रहा है। खजाना खाली कमाई नामात्र और शहर में चारों तरफ अवैध विज्ञापनों की भरमार। ये सब देख कर तो रिश्व्त के बड़े खेल की तरफ इशारा हो रहा है।

एक तरफ सरकार खजाना खाली होने अलाप रागती फिरती है। वही दूसरी और सरकार का खजाना भरने की बजाय विज्ञापन विभाग के बाबू खुद की जेबें भरने में लगे हुए है। इस का जीता जागता सबूत है ये अवैध विज्ञापन। बाबूओं की कथित सैटिंग से पंजाब सरकार को चूना  लगाया जा रहा है।

अब इसे विज्ञापन विभाग के बाबू तिवारी की लापरवाही कहे या भ्रष्टाचार । खेर जो भी है मगर तिवारी बेख़ौफ़ होकर इस समय पूरा मुनाफा कमाने में मशगूल लग रहे है। शहर में लगे तमाम अवैध होर्डिंग्स और कई एरिया में सड़कों के किनारे टू व्हीलर फ़ॉर व्हीलर बेचने वाले शोरूम मालिकों के करिंदे अवैध रूप से केनोपी/टेंट आदि लगाकर विज्ञापन विभाग को लाखों का चूना लग रहा है। शहर में कई विज्ञापन डिस्पले वैन घूम रही हैं ।

बताया जा रहा कि इस गोरखधन्धे के पीछे बाबू जी की पूरी छत्रछाया है।

अब इस के पीछे बाबू तिवारी के साथ कैसी डील हुई है ये तो जांच के बाद ही पता चल सकता है।  मगर लाखों के अवैध विज्ञापन के पीछे भ्रष्टाचार की बू जरूर आ रही है।

निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू नगर निगम जालन्धर में क्रप्शन खत्म होने के लाख दावे कर लें मगर तिवारी उन के दावों की सरेआम धज्जियां उड़ा रहे है।

बड़ा सवाल कमिश्नर साहब से ये है कि बार बार शिकायत के बाद अवैध विज्ञापनो पर तो कार्रवाई हो जाती है। चालान भी काट दिए जाते है मगर तिवारी जैसे विज्ञापन विभाग के लापरवाह और भृष्ट बाबुओं पर क्यों नही कार्रवाई की जाती।

जेबें गर्म करने वाले बाबुओं पर कब गाज गिरेगी ये सवाल तो PLN न्यूज़ की टीम जल्द ही सिद्धू से ही पूछेगी। मगर कमिश्नर साहब की भी कोई जिम्मेदारी बनती है कि भृष्टाचार होने से पहले ही उसे रोका जा सकें उस के लिए तिवारी जैसे बाबुओं पर शिकंजा कसने की जरूरत है।

 नगर निगम कमिश्नर दीपर्व लाकड़ा ने PLN न्यूज़ से बात कर ये आश्वासन दिया है कि इस धांधली की जांच करवाने के लिए ज्वाईंट कमिशनर आशिका जैन को आदेश दिए गए हैं।
और जल्द से जल्द सख्त कार्रवाई की जाएगी।

पॉश इलाकों में विज्ञापन विभाग के बाबूओं की सैटिंग

शहर के कई पॉश इलाकों में विज्ञापन विभाग के बाबूओं की कथित सैटिंग से इस गौरखधंधे में फ्लैक्स बोर्ड का काम करने वाले कई करीबी भी शामिल हैं जिनके जरिए सैंटिंग का सारा खेल खेला जा रहा है।

बता दें कि फ्लैक्स बोर्ड बनाने वाले अपने ग्राहकों से शहर के कई इलाकों में विज्ञापन डिस्पले करवाने की भी फीस वसूल रहे हैं जिसमें कांट्रैक्ट खत्म होने तक कारवाई न होने की भी गारंटी दी जा रही है। सूत्रों की मानें तो अगर ऐसे अवैध विज्ञापनों खिलाफ शिकायतें भी की जाएं तो भी अफसर अपनी “असामियों ” द्वारा लगाए गए अवैध विज्ञापनों को उतारने की जहमत नहीं उठाते।

फ्लैक्स बोर्ड के काम से जुड़े एक व्यक्ति ने नाम न छापने पर बताया कि नगर निगम की परमिशन के बिना शहर में विज्ञापन बोर्ड लगवाने के लिए प्रत्येक वर्ग फुट का रेट 5 रुपये ग्राहक से एक्सट्रा चार्ज किया जा रहा है जोकि एक महीने तक चलता है। इसके बाद उन विज्ञापनों को शहर के अलग अलग इलाकों में डिस्पले करवाया जाता है। इस काले खेल में विज्ञापन विभाग के अफसरों के शामिल होने के भी दावे किए जा रहे हैं। जिनके बीच 5 रुपये/फुट की वसूली का आधा पैसा बांटे जाने की सूचना है।