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भारत के इस राज्य में 9 महीने में बीस हज़ार नाबालिग लड़किया हुई गर्भवती, जानिए वजह

विदेशों की बात करें तो 20 विकसित देशों में  हर वर्ष 12 लाख 50 हज़ार कुंवारी कन्याएं  गर्भवती हो जाती है  जिसमें  5 लाख कन्याएं  गर्भपात करवाती हैं और साढ़े 7 लाख कन्याएं कुंवारी मां बनकर  परिवार और सरकार पर बोझा बन जाती है ।पाश्चात्य संस्कृति का अंधानुकरण करने  के कारण भारत पर भी इसका बुरा असर पड़ना शुरू हो गया है.

तमिलनाडु के सामने ये जटिल समस्या खड़ी हो गई है. एक रिपोर्ट के अनुसार तमिलनाडु में नाबालिग गर्भवती लड़कियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है रिपोर्ट के अनुसार पिछले 9 महीने में 20000 नाबालिग लड़कियों के गर्भधारण करने की  खबर है सामने आई है. राज्य के स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार ये आकड़ा 18 साल से कम उम्र की करीब 20 हजार लड़कियां अप्रैल 2018 से दिसंबर 2018 के बीच गर्भवती है.

ज्यादातर लड़कियों की उम्र 16 से 18 के बीच

 

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के एक अधिकारी ने जो खुलासा किया वो और भी चिंता की बात है, अधिकारी के अनुसार गर्भवती होने वाली ज्यादातर लड़कियों की उम्र 16 से 18 के बीच है। साथ इनमें बहुत सी वो लड़कियां हैं जिनकी शादी हो चुकी है। इसका मतलब है माना जा रहा है कि राज्य में बाल विवाह काफी ज्यादा हो रहा है। हालांकि सामाज कल्याण विभाग ने राज्य में 2008 से 2018 के बीच सिर्फ 6955 नाबालिग लड़कियों की शादी होने की बात कह रहा है। रिपोर्ट के अनुसार इस संख्या में उन लड़कियों की संख्या बहुत ही काम जो गर्भपात कराना चाहती हो ऐसे में बच्चे की चाह रखने वाली युवतियों की सेहत काफी चिंताजनक स्थिति में है। विभाग ऐसी लड़कियों को पैनी निगाह बनाए हुए है। 

वही पाश्चात्य संस्कृति का अंधानुकरण करने के कारण और असंयम के आभाव में कुँवारी कन्याएं गर्भवती हो रही है

 

जागरूकता अभियान से मिलेगा समस्या का हल

नाबालिग बच्चियों की सेहत और बाल यौन शोषण के खिलाफ काम रही एक संस्था का मानना है कि यह लड़कियों का कम उम्र में ही गर्भवती होना सामाजिक समस्या कम बल्कि स्वास्थ्य समस्या ज्यादा है। लोगों को में सेहत के प्रति जागरूकता लानी होगी और बच्चों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना होगा। कुछ संस्थाओं का मानना है कि इस समस्या से निपटने के लिए बच्चों को सेक्सुअल हेल्थ, और गर्भनिरोधक विधियों, इससे जुड़ी बीमारियों आदि के बारे में शिक्षित किया जाना चाहिए।