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VIDEO देखें – भगवान विश्वकर्मा दिवस पर जालंधर में सिखों ने हिन्दू सिख भाईचारे की पैदा की मिसाल, विश्वकर्मा मंदिर में देखिए इन सिखों का सराहनीय कार्य

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जालंधर (अमन बग्गा) जालंधर में केएमवी कॉलेज के सामने पड़ते एरिया विश्वकर्मा कॉलोनी अमन नगर में स्थित भगवान विश्वकर्मा जी के मंदिर में आज विश्वकर्मा दिवस के मंगलमय उत्सव पर जहा एक और श्रद्धालुओं में अपार श्रद्धा भक्ति के दर्शन हुए वही हिन्दू सिख भाईचारे की अदबुद्ध मिसाल नजर आई । मंदिर के प्रांगण में बाबा विश्वकर्मा मंदिर धर्मशाला सेवा सभा (रजि ) की तरफ से सुखमनी साहिब जी का पाठ करवाया गया। इस मौके संगत के लिये लंगर की व्यवस्था भी की गई।
दरअसल इस विश्वकर्मा मंदिर की भागदौड़ संभाल रहे तकरीबन सिख धर्म से सम्बंधित लोग ही है।
जैसे हवा पानी सूर्य चांद सभी धर्मों सभी पंथ सम्प्रदाय सभी जातियों के लोग बिना भेदभाव लाभ लेते है ऐसे ही संत व देवी देवता ईश्वर सभी के है।
इसी लिए तो श्री गुरुनानक देव जी को आज भी सभी मत पंथ सम्प्रदाय सभी धर्मों के लोग अपना गुरु मानते है। और बाबा विश्वकर्मा जी को सिख भी श्रद्धा व भक्ति से नमन करते है।
लेकिन भारत को तोड़ने वाली शक्तियां हिन्दू सिख भाईचारे के मजबूत रिश्तों को खोखला करने की साजिशें रच कर आपसी फूट डालने के लिए कई तरह के हत्थकंडे अपना रही है।
लेकिन जब तक हुक्म सिंह बिट्टू, लखवीर सिंह ढढ़ियाल,जतिंदर सिंह मार्शल,रविंदर सिंह जसवाल ,गुरबचन सिंह मूधर ,जोगिंदर सिंह भमरा, बरिंदर सिंह संधू,ओंकार सिंह,गुरबचन सिंह,गुरमीत सिंह,नीलम सिंह,कुलवंत सिंह जसवाल,दलजीत सिंह,जगदेव सिंह,मन्वन्त सिंह,सेवा सिंह आदि जैसे सज्जन समाज सेवक मौजूद है तब तक देश में भक्ति प्रेम और आपसी भाईचारा बना रहेगा।

कौन हैं भगवान विश्वकर्मा जानिए कुछ ख़ास

भगवान विश्वकर्मा को ‘निर्माण’ का देवता माना जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार पौराणिक काल में देवताओं के अस्त्र-शस्त्र व महलों को भगवान विश्वकर्मा ने ही बनाया था। इसके अलावा उन्होंने सोने की लंका, पुष्पक विमान, इंद्र का व्रज, भगवान शिव का त्रिशूल, पांडवों की इंद्रप्रस्थ नगरी, भगवान कृष्ण की द्वारिका नगरी को भी बनाया था। इस वजह से निर्माण और सृजन से जुड़े लोग विश्वकर्मा जयंती को पूरे श्रद्धा भाव से मनाते है।

इस मौके कई रागी जत्थों द्वारा कीर्तन भी किया गया। इस मौके पर कवियो और कथा वाचक जत्थों ने बाबा जी का इतिहास सुनाकर लोगों को निहाल किया। इस मौके गुरु का लंगर भी अटूट बरताया गया।

इस मौके दैनिक सवेरा के मुख्य सम्पादक श्री शीतल विज का मुख्य मेहमान के तौर पर पहुंचने पर सम्मान किया गया

इस मौके उन्होंने कहा कि इस तरह के समागम करवाने से आपसी भाईचारक सांझ बढ़ती है और धार्मिक भावना उत्पन्न होती है। उन्होंने कहा कि दुनिया का सबसे पहले इंजीनियर और वास्तुकार भी माना जाता है। इसलिए विश्वकर्मा जयंती के दिन उद्योगों, फैक्ट्रियों और हर प्रकार की मशीनों की पूजा की जाती है।