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न मैं ईसाई न तुम ईसाई फिर किस बात की क्रिसमस की बधाई । जालंधर में 200 भगवाधारी युवाओं ने भरी हुंकार बोले – ये देश सांता का नही संतो का है

अरे मेरे भाई ! न मैं ईसाई न तुम ईसाई फिर किस बात की क्रिसमस की बधाई । जालंधर में 200 भगवाधारी युवाओं ने भरी हुंकार बोले – ये देश सांता का नही संतो का है

जालंधर ( अमन बग्गा) अरे मेरे भाई ! न मैं ईसाई न तुम ईसाई फिर किस बात की क्रिसमस की बधाई ।

अजीब विडंबना है जिस संस्कृति की रक्षा के लिए हमारे गुरुओं संतो देश भक्तों ने कुर्बानियां दी । वीर हकीकत राय , वीर धर्म रक्षक चार छोटे साहिबजादों जैसे नन्हे नन्हे योद्धाओं ने अधर्मियों के आगे घुटने नही टेके और हसते हसते प्राण त्याग दिए मगर धर्म नही छोड़ा । उसी देश में हिन्दू सिख अपने बच्चों को सांता क्लोज बना कर गर्व महसूस कर रहे है। क्या आज तक किसी ईसाई बच्चे को बाल रूप में कृष्ण बनते देखा क्या किसी ईसाई स्कूल में छोटे साहिबजादों का शहीदीपूर्व मनाया गया । क्या स्कूलों में छोटे साहिबजादों की वेशभूषा में किसी बच्चे को सजाया गया। सोचों विचार करो !

देशभर में अनेकों तरीकों से धर्म परिवर्तन का खेल जोरोशोरो से खेला जा रहा है। शिकार हो रहे है गरीब जरूरतमंद सिख और हिन्दू परिवार। और हम 25 क्रिसमस की बधाई दें कर अपने ही हाथों अपनी संस्कृति का गला घोंट रहे है।

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न्यूज़ चैनल अखबारें वेब न्यूज़ पोर्टल भी चुप्पी साधे बैठे है। ऐसे में PLN धर्म रक्षक सिखों और हिंदुओं से अपील करता है कि अपने धर्म की रक्षा का बीड़ा खुद अपने कंधों पर उठाओ।

 

हम श्री गुरु गोबिंद सिंह की संतानें है उठो जागो और जगाओ उन लोगों को जो बंदर की तरह नकल कर अपनी संस्कृति को भूल अपने बच्चों को लाल टोपियों पहना लंगूर बना रहे है।

 

हिंदुओ सिखों को चाहिए कि भूल कर भी फेसबुक व्हाट्सएप पर क्रिसमस की बधाई वाले संदेश पोस्ट न करें।
ये देश सांता क्लोज का नही बल्कि श्री गुरु गोबिंद सिंह महाऋषि वाल्मीकि गुरु रविदास संत कबीर महाऋषि दयानंद विवेकानंद आदि संतो का देश है।

200 भगवाधारी युवा बोले – ये देश सांता का नही संतों का है। अरे मेरे भाई ! न मैं ईसाई न तुम ईसाई फिर किस बात की क्रिसमस की बधाई ।

जालंधर में बस्ती दानिशमंद के नजदीक चोगावां गाँव में स्थित संत श्री आशाराम बापू आश्रम में युवा सेवा संघ द्वारा युवा तेजस्वी शिविर में युवाओं ने देश भर के लोगों को आह्वाहन किया है कि 25 को क्रिसमस नही बल्कि माँ तुलसी का पूजन करें

आपने बच्चों को सांता क्लोज नही बल्कि छोटे साहिबजादों की वीर धर्मरक्षक बनाएं।
उन्होंने कहा कि 21 से 29 दिसम्बर सिख गुरुओं व उन के परिवार व सतशिष्यों की कुर्बानियों के दिवस है। ये दिन शराब कबाब भोग विलासिता में डूबने के लिए नही बल्कि गुरु वाणी का पठन श्रवण करने छोटे साहिबजादों की वीरता से प्रेरणा लेने का दिवस है।

अपने बच्चों को सिख गुरुओं की वीरता की गाथाएं सुनाओ। उन्होंने कहा कि 25 को तुल्सीपूजन कर तुलसी पूजन दिवस मनाएं।

इस मौके yss के राष्ट्रीय मार्गदर्शक दीपक भाई, चंडीगढ़ से अरुण,जालंधर से विकास जोशी,ईशान महेंद्रू, गिरीश सपरा,अमित खिंदर,प्रदीप भाटिया, धनंजय पांडे,सोनू, शिवम, हनी, गगन,सत्यम,नवीन,अनुलेश,विक्रम आदि मौजूद थे!