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दर्जनों गायों की लाशें बिछने के बाद दहल उठा बुलंदशहर, गोली मार कर हिंदू नेता और इंस्पेक्टर की हत्या ,जमकर हिंसा आगजनी

 

बुलंदशहर (PLN)कल तक पूरी तरह से शांत दिख रहा उत्तर प्रदेश का बुलंदशहर आज सुलग उठा है. दर्जनों की संख्या में गोकशी होने के बाद बुलंदशहर में जमकर बवाल हुआ है. इस बवाल में गोली लगने से जहाँ एक गोभक्त की मौत हो गई है, वहीं बुलंदशहर के सयाना थाना के कोतवाल सुबोध कुमार भी भीड़ के हमले का शिकार हो गये तथा बाद में उनकी भी मौत हो गई. इस समय बुलंदशहर में जहाँ चप्पे चप्पे पर पुलिस बल तैनात है तो वहीं डर के कारण लोग अपने अपने घरों में दुबक गये हैं.

बुलंदशहर के कुछ स्थानीय लोग इस बवाल का संबध बुलंदशहर में चल रहे तब्लीगी इज्तिमा से भी जोड़कर देख रहे हैं क्योंकि अचानक से इतने बड़ी संख्या में गायों को काटा गया, जिसके बाद ये बवाल शुरू हुआ और जमकर हिंसा आगजनी हुई. बवाला की शुरुआत तब हुई जब थाना कोतवाली क्षेत्र के गांव महाव के जंगल में रविवार की रात अज्ञात लोगों ने करीब 25-30 गोवंश काट डाले. जानकारी मिलने पर हिन्दू संगठन के लोग एकत्रित हुए तथा सभी ने इसका विरोध किया तथा प्रदर्शन शुरू हो गया और एक गोभक्त सुमित तथा इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की मौत हो गई.

बुलंदशहर में कितनी भयावह थी, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अतिरिक्त पुलिस बल को बुलाना पड़ा. फिलहाल पूरा क्षेत्र पुलिस के बूटों की आवाज से गूँज रहा है तथा भय के कारण लोग जम से गये हैं तथा क्षेत्र में कर्फ्यू से हालात है. मिली जानकारी के मुताबिक़, मामले की जांच के लिए विशेष टीम गठित कर दी गई है. इस मामले में दो FIR दर्ज करने की खबर भी मिली है, जिसमें एक FIR गोकशी के खिलाफ है तो वहीं दूसरी FIR पुलिस बल पर पथराव को लेकर है.

 

मजहबी आयोजन के पीछे कहीं शक्ति प्रदर्शन दिखाने की साजिश तो नहीं थी?

हम बुलंदशहर में होने वाले मजहबी कार्यक्रम इज्तिमा को गलत नहीं कह रहे मगर ये आशंका जरूर है कि इस मजहबी आयोजन के पीछे कहीं शक्ति प्रदर्शन दिखाने की साजिश तो नहीं थी? क्योंकि इस कार्यक्रम में देशभर से ही नहीं बल्कि दुनिया भर से इस्लामिक समुदाय के लोग शामिल होने के लिए बुलंदशहर आये थे.

इस कार्यक्रम की आड़ में मजहबी उन्मादियों की किसी गुप्त साजिश से सावधान होने के लिए इसलिए भी आगाह किया था क्योंकि इस कार्यक्रम का आयोजन तब्लीगी जमात ने कराया है तथा इससे पहले तब्लीगी जमात से जुड़े कुछ लोगों के संबंध आतंकी संगठनों से भी जुड़ने की खबरें आई थीं तथा सुरक्षा एजेंसियों ने भी तब्लीगी जमात को रडार पर लिया था. काश इस बात को देखते हुए बुलंदशहर प्रशासन पहले से अलर्ट पर रहा होता तो आज बुलंदशहर इस बेहद ही अप्रिय तथा दुखद घटना से बच सकता था.