इन्हें तमाम अधिकार दिए थे इसी संविधान ने . इसी संविधान की शपथ ले कर ये दोनों संसद में भी आये थे और इसी के दिए अधिकारो ने इन्हें सांसद जी भी कहा जाता था लेकिन इन्होने इसका ही अपमान इस संविधान के केंद्र बिंदु संसद में कर डाला. इस पूरे मामले में सबसे ज्यादा अफ़सोस की बात ये है कि हिन्दू विरोधी हर बात पर नजर गडाए बैठे कुछ तथाकथित सेकुलरों इसको अनदेखा कर दिया और ख़ामोशी से निभाते रहे अपने खुद से रचे गये सेकुलरिज्म के सिद्धांत.
अभी कुछ समय पहले जंतर मन्तर पर कुछ हिंदूवादी समूह के लोगों द्वारा संविधान के अपमान पर बड़ा शोर मचाने वालों ने अब ख़ामोशी ठान ली है . राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह द्वारा एतिहासिक दिन में आर्टिकल 370 को जम्मू-कश्मीर को हटाने संबंधी बिल पेश करने के बाद पीडीपी के राज्यसभा मीर मोहम्मद फयाज और नाजिर अहमद लवाय ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया. इन दोनों सांसदों को संविधान को फाड़ा और ऐसे कुकृत्य करने के बाद उन्हें राज्यसभा से बाहर निकाल दिया गया .
परोक्ष रूप से इन्ही का खामोश समर्थन करने वाले गुलाम नबी आज़ाद ने भी इस मामले को गोलमोल रखा . उन्होंने कहा कि हम हिंदुस्तान के संविधान की रक्षा के लिए जान की बाजी लगा देंगे, लेकिन आज बीजेपी ने संविधान की हत्या कर दी है. इस दौरान पीडीपी सांसद फयाज ने अपना कुर्ता भी फाड़ लिया. दोनों ने विपक्षी दलों से अनुरोध किया है कि वे जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर सरकार से स्पष्टीकरण मांगने में उनका समर्थन करें.